हंगामा करने के मामले में कई लोग हिरासत में लिये गये
रांची: झारखंड के पुलिस महानिदेशक एम.वी.राव ने कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के काफिले को साजिश के तहत रोकने की कोशिश की गयी है. ऐसे लोगों को चिह्नित करने की कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है. डीजीपी मंगलवार को रांची के जैप-1 ग्राउंड में जैप के 141वां स्थापना दिवस पर आयोजित समारोह में भाग लेने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
डीजीपी ने कहा कि साजिश के तहत मुख्यमंत्री के काफिले को रोका गया, ऐसे लोगों के खिलाफ अत्यंत कठोर कार्रवाई की जाएगी, इसे लोग चेतावनी समझे या कुछ और समझे. दोबारा इस तरह की गलती करने पर उसी जगह हाथ-पैर तोड़ दिये जाएंगे. गुंडागर्दी करने वाले के खिलाफ ऐसे कठोर कदम उठाए जाएंगे कि उन्हें जिंदगी भर याद रहेगा. ऐसे असामाजिक तत्वों पर कार्रवाई करने से कोई भी ताकत पुलिस-प्रशासन को रोक नहीं सकता है. मुर्ख लोग कानून की ताकत को समझ नहीं रहे है, सुनियोजित साजिश के तहत हमला किया गया और भीड़ ने अपनी तरफ से एक पुलिस अधिकारी को एक तरह से जान से मार ही दिया गया था, अभी उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है.
इधर, रांची पुलिस ने सोमवार देर शाम किशोरगंज चौक के निकट सीएम के काफिले को रोकने की कोशिश और सड़क पर हंगामा करने वालों को चिह्नित कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. इस संबंध में सुखदेवनगर थाना में करीब दर्जन नामजद और एक सौ से अधिक अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
मामले की गंभीरता को लेकर वरीय पुलिस पदाधिकारी रात भर सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से हंगामा करने वाले को चिह्नित कर उन्हें हिरासत में लेने के प्रयास में जुटी रही. रातभर विभिन्न आरोपियों को हिरासत में लेने के लिए पुलिस छापेमारी जारी रही. रांची के विभिन्न थानों की पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगों को अब तक हिरासत में ले लिया है, जबकि कई अन्य आरोपी घर पर नहीं मिले, जिसके बाद पुलिस उन्हें पकड़ने के लिए छापेमारी अभियान चला रही है.
गौरतलब है कि सोमवार की शाम को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिवालय से वापस आवास लौटने के क्रम में अचानक भीड़ ने किशोरगंज चौक के निकट उनके काफिले को रोकने की कोशिश की गयी. लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने तत्काल रूट डायवर्ट कर मुख्यमंत्री को दूसरे रास्ते से आवास तक पहुंचाया. इस दौरान उपद्रवी तत्वों द्वारा आने-जाने वाले कई वाहनों को भी निशाना बनाया गया. वहीं भीड़ ने एक ट्रैफिक इंस्पेक्टर पर भी जानलेवा हमला किया, उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. प्रदर्शनकारी ओरमांझी में एक युवती का सिर कटी लाश मिलने से आक्रोशित थे और मृतका की पहचान कर आरोपियों की गिरफ्तारी तथा महिला उत्पीड़न पर अंकुश लगाने की मांग कर रहे थे.