शहर के भूसामंडी बवाल और शांति मार्च में अशांति फैलाने के आरोपित हिस्ट्रीशीटर सईद अहमद को पुलिस ने मेरठ के मछेरान से गिरफ्तार कर लिया। हालांकि दिनभर वाट्सएप पर सईद की गिरफ्तारी को सेटिंग का सरेंडर नाम देकर वायरल किया गया। माहीगीर अमन सेवा समिति के अध्यक्ष सईद अहमद निवासी बंगला एरिया अलीमपुरा कैंट ने एक अगस्त को दफीना का प्रमाण पत्र देते हुए बताया कि 30 जून को शहर में तीन स्थानों पर हुए बवाल में उसे गलत नामजद किया है, जबकि वह उस समय दफीना में मौजूद था। शिमला में घूमने के दौरान अपने कुछ फोटो फेसबुक पर अपलोड करने के बाद हिस्ट्रीशीटर सईद अहमद पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
खुद को पुलिस का हमदर्द बताते हुए कई उदाहरण भी पेश किए थे। सईद छह मार्च को भूसा मंडी में हुए बवाल का भी मुख्य आरोपित है। इसके अलावा सईद पर शहर के छह थानों में 11 मुकदमे चल रहे हैं और वह सभी में वांछित था। सईद के पक्ष में एक अगस्त को भीड़ ने कप्तान ऑफिस पर प्रदर्शन किया था। तभी कप्तान ने सईद की गिरफ्तारी के आदेश दिए। पुलिस की टीमें बनते ही सईद शहर छोड़कर भाग गया था। 22 दिन बाद पुलिस ने सईद को मछेरान से गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि बुधवार की रात को सईद अपने परिवार से मिलने घर पहुंचा था। उसे कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। सईद ने भी एक सेवा समिति खोलकर युवाओं को जोड़ रखा था। भीड़ एकत्र कर अक्सर पुलिस पर दबाव बनाता था। सईद को सदर बाजार पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
शांतिमार्च के नाम पर हुए बवाल का मुख्य आरोपित सईद अहमद शहर में बवाल कराकर सैर पर निकल गया था। फैज-ए-आम और भूसा मंडी पर भीड़ जुटाने में सईद सबसे आगे था। इसी भीड़ के दम पर पुलिस उसे गिरफ्तार करने से डरती थी। पूर्व कप्तान ने भूसा मंडी बवाल में महिलाएं तक जेल भेज दी पर सईद के गिरेबान पर हाथ नहीं डाल पाए। मौजूदा पुलिस कप्तान ने एसपी सिटी को 22 दिन पहले सईद की गिरफ्तारी का टास्क दिया था।
तब से सईद शिमला और नेपाल में छिप गया था। एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि सईद मेरठ से भगाने के बाद मुरादनगर स्थित अपने घर पर चला गया था। पुलिस मुरादनगर पहुंची तो वहां से दिल्ली के होटल में पहुंच गया। पुलिस के दिल्ली पहुंचने से पहले वह फ्लाइट पकड़कर दिल्ली पहुंच गया। वहां से शिमला निकल गया। शिमला में कई दिनों तक मौज काटने के बाद नेपाल निकल गया। मामला ठंडा पड़ने के बाद मुरादनगर वापस लौट गया था। सईद ने अपने मोबाइल बंद कर दिए थे।
मुरादनगर पहुंचने के बाद सईद गिरफ्तारी के लिए सेटिंग कर रहा था। उसे डर था कि पुलिस मुठभेड़ कर उसकी गिरफ्तारी दिखा सकती है। सईद के साथी सदर बाजार में सेटिंग करने के लिए पहुंचे। तभी पुलिस को शक हुआ था कि सईद बाहर से लौट गया है। पुलिस तभी से उसके मुरादनगर स्थित घर पर नजर रखे हुए थी। बुधवार को मेरठ पहुंचने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।
सईद युवा सेवा समिति द्वारा 30 जून को फैज-ए-आम कालेज से हापुड़ अड्डे तक बिना अनुमति के जुलूस निकाला। जुलूस में मौजूद भीड़ ने खैरनगर, इंदिरा चौक और हापुड़ अड्डे पर बवाल किया। इस मामले में बदर अली के साथ सईद भी मुख्य आरोपित है। दोनों पर रासुका की कार्रवाई की जा रही है। 16 जुलाई को महताब सिनेमा क्षेत्र निवासी सलाउद्दीन ने बदर अली और हाजी सईद पर सदर बाजार क्षेत्र की अवैध संपत्ति को एक करोड़ 32 लाख में बेचने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज कराया। छह मई को सदर बाजार के भूसा मंडी मछेरान में हुए बवाल को भी हाजी सईद ने ही कराया था। सईद पर सदर बाजार में पांच, रेलवे रोड में दो, देहलीगेट, कोतवाली, सिविल लाइन, नौचंदी में एक-एक मुकदमा दर्ज हैं।