हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग में किसान परंपरागत खेती से हटकर वैज्ञानिक पद्धति से स्ट्रॉबेरी की खेती कर रहे हैं. किसानों को उम्मीद है कि इसमें उनको ज्यादा मुनाफा होगा. हजारीबाग जिले के कटकमदाग प्रखंड में भी पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू की गयी स्ट्रॉबेरी की खेती से होने वाले मुनाफे ने कई किसानों की तकदीर बदल दी है.
स्ट्रॉबेरी की यह लहलहाती फसल ने हजारीबाग के कटकमदाग प्रखंड में अडरा और बस गांव के किसानों के चेहरे पर खुशी लाने काम किया है. कृषि ग्रामीण विकास केंद्र और एचडीएफसी के सहयोग से पायलट योजना के तहत कराई गई स्ट्रॉबेरी की खेती से होने वाले मुनाफे से उत्साहित किसान अगले वर्ष व्यापक पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती की योजना बना रहे हैं.
कृषि ग्रामीण विकास केंद्र के अधिकारी त्रिदिव मुखर्जी का कहना है कि परंपरागत फसल की अपेक्षा स्ट्रॉबेरी की खेती में 4 गुना मुनाफा कमाया जा सकता है.
युवा किसान अजय कहते हैं कि वे भी स्ट्रॉबेरी की खेती सीख रहे हैं. अगले वर्ष स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छा मुनाफा प्राप्त करेंगे.
राज्य के विभिन्न हिस्सों में स्ट्रॉबेरी की खेती का प्रचलन बढ़ने से किसानों को मुनाफा भी बढ़ रहा है और खेती से होने वाले लाभ को देखते बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा भी अब इस क्षेत्र में आगे आ रहे हैं.