अहमदाबाद: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री माधव सिंह सोलंकी का निधन हो गया है. सोलंकी गुजरात राज्य के चार बार मुख्यमंत्री रह चुके थे. उनकी उम्र 94 साल की थी. सोलंकी कांग्रेस के बड़े नेता माने जाते हैं और वे एक बार भारत के विदेश मंत्री भी रह चुके हैं.
माधव सिंह सोलंकी KHAM थ्योरी के जनक माने जाते हैं. उन्होंने गुजरात की राजनीति और जातिगत समीकरणों के साथ प्रयोग कर सत्ता में आने के लिए KHAM यानी कि क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम वर्गों को एक साथ जोड़कर 1980 के दशक में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में आए. माधव सिंह सोलंकी के इस समीकरण ने गुजरात की सत्ता से अगड़ी जातियों को कई साल के लिए बाहर कर दिया.
पेशे से वकील माधव सिंह सोलंकी आनंद के नजदीक बोरसाड के क्षत्रिय थे. पहली बार 1977 में अल्पकाल के लिए मुख्यमंत्री बने. 1980 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राज्य में जोरदार बहुमत मिला. 1981 में सोलंकी ने सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण लागू किया. इसके विरोध में राज्य में हंगामा हुआ. कई मौतें भी हुईं. आरक्षण लागू करने से पहले माधव सिंह सोलंकी KHAM फार्मूला लागू कर चुके थे.
इसी के चलते उन्हें KHAM से जुड़ी जातियों का भरपूर समर्थन मिला लेकिन KHAM से जुड़ी जातियों का समर्थन ने उनका जमकर विरोध किया. राज्य में हुई हिंसा के बाद सोलंकी ने 1985 में इस्तीफा दे दिया. लेकिन अगले विधानसभा चुनाव में KHAM फार्मूले के दम पर बंपर वोटों से चुनाव जीतकर आए.