नई दिल्ली: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का आंदोलन 47वें दिन भी जारी है. वहीं कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों की सरकार के साथ 8वें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही. प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ सरकार की बातचीत में गतिरोध बरकरार रहने के बीच सुप्रीम कोर्ट नए कृषि कानूनों को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं और दिल्ली की सीमा पर चल रहे किसानों के प्रदर्शन से जुड़ी याचिकाओं पर आज सुनवाई करेगा.
कृषि कानूनों को रद्द करने से सरकार की मनाही से नाराज किसान अब आरपार के लिए तैयार हो गए हैं. किसानों ने साफ कर दिया है कि चाहे कुछ हो जाए, दिल्ली में 26 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन जरूर करेंगे.
किसानों की निगाह सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर भी टिकी हुई है. सुप्रीम कोर्ट के रुख के बाद किसान रणनीति बनाकर बताएंगे कि आगे अब क्या करना है? इस बीच 26 जनवरी के लिए तैयारियों शुरू हो चुकी हैं.
सिंघू बार्डर पर जत्थेबंदियों की दिनभर बैठक चली लेकिन किसान नेताओं ने मीडिया से बातचीत से मना कर दिया और कहा कि सोमवार को सारी स्थिति स्पष्ट कर देंगे. इसमें 15 जनवरी की बैठक में शामिल होने का फैसला भी शामिल है.
किसानों ने लोहड़ी पर्व पर कानूनों की प्रतियां जलाने का आह्वान किया है. 18 जनवरी को हर जिला व तहसील स्तर पर महिला किसान दिवस मनाया जाना है. अब बार्डर के सभी मंचों की अगुवाई महिलाओं के हाथ देने की भी बात रखी गई है. इसमें सर्वसम्मति से निर्णय हो गया है.