नोएडा : गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो कथित पत्रकारिता की आड़ में पुलिस को ब्लैकमेल कर रहा था. दबोचे गए चार ठगों में से ज्यादातर किसी न किसी रूप में सोशल मीडिया, वेब पोर्टल, फेसबुक से जुड़े है. एक ब्लैकमेलर फरार है. उसकी गिरफ्तारी पर गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस ने 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया है. पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह पुलिस महकमे के अफसरों-कर्मचारियों के खिलाफ पहले सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर भ्रामक खबरें प्रचारित-प्रसारित करता. इसके बाद जो पुलिस अफसर या कर्मचारी इनके दवाब में आ जाता, उसे यह गिरोह रकम ऐंठने के लिए ब्लैकमेल करना शुरू कर देता. गिरोह में शामिल कई कथित पत्रकार ऐसे भी शामिल हैं, जिन्हें कुछ समय पहले नोएडा पुलिस ने, नोएडा सेक्टर-20 कोतवाली के इंस्पेक्टर मनोज पंत के साथ गिरफ्तार करके जेल में डाला था. इनमें से ज्यादातर जमानत पर जेल से बाहर आते ही संगठित होकर दोबारा ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली में शामिल हो गए थे.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार ब्लैकमेलर और कथित पत्रकारों का नाम सुशील पंडित (निवासी ग्रेटर नोएडा), उदित गोयल (निवासी सूरजपुर ग्रेटर नोएडा), रमन ठाकुर (ग्रेटर नोएडा), चंदन राय (साहिबाबाद, गाजियाबाद) और नितीश पांडेय (गोमती नगर, लखनऊ) है.
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गौतमबुद्ध नगर जिला पुलिस के एक प्रवक्ता ने बताया, “इस गिरोह का सरगना सुशील पंडित है. सुशील पंडित और उदित गोयल को गौतमबुद्ध नगर से, चंदन राय को गाजियाबाद से और नीतीश पांडेय को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया है. रमन ठाकुर फिलहाल फरार है. उसकी गिरफ्तारी पर जिला पुलिस ने 25 हजार रुपये इनाम घोषित कर रखा है.”
जिला पुलिस प्रवक्ता के मुताबिक, “चंदन राय के कब्जे से दिल्ली नंबर की एक फार्च्यूनर कार, यूपी नंबर की एक आई-20 कार, एक एप्पल आईफोन-10, सैमसंग फोन और एक मैकबुक जब्त की गई है. इसी तरह से उदित गोयल के पास से दिल्ली नंबर की एक इनोवा कार, दो मोबाइल फोन, जबकि सुशील पंडित के पास से एक मोबाइल फोन मिला है.”
उल्लेखनीय है कि इसी गिरोह के ब्लैकमेलर कथित पत्रकार सुशील पंडित, उदित गोयल और रमन ठाकुर (फिलहाल फरार) को इसी साल 30 जनवरी को सेक्टर-20 नोएडा कोतवाली के इंस्पेक्टर मनोज पंत के साथ भी गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था. उस वक्त भी यह गैंग ब्लैकमेलिंग में जुटा हुआ था.
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एक सवाल के जबाब में गौतमबुद्ध नगर के पुलिस प्रवक्ता ने बताया, “सुशील पंडित एक वेब पोर्टल पर भ्रामक खबरें डालकर पुलिस अफसरों कर्मचारियों को ब्लैकमेल करने का गोरखधंधा चला रहा था. सुशील एक अखबार का संपादन कार्य भी देख रहा था, जबकि नीतीश पांडेय पुलिस के नाम पर ही एक पोर्टल चलाता है. नीतीश पहले पुलिस वालों के खिलाफ भ्रामक खबरें फैलाता, फिर उन खबरों को हटाने-दबाने के नाम पर शिकार तलाशने लगता था. ठगी-ब्लैकमेलिंग और अवैध वसूली का काम रमन ठाकुर और उदित गोयल कर रहे थे.”
पुलिस के अनुसार, कुछ समय पहले ही इस गिरोह ने लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी के खिलाफ भी भ्रामक और बे-सिर-पैर की खबरों का प्रचार-प्रसार किया था. कुछ आईपीएस अफसरों को इन्हीं ऊट-पटांग खबरों से दबाब में लेकर उन्हें बदनाम करने की इस गिरोह ने पहले भी कई कोशिशें की.