नई दिल्ली: नए किसान कानूनों के अमल पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने बातचीत के जरिए मसले के हल के लिए एक कमेटी का भी गठन किया है. हालांकि, सुनवाई के दौरान किसान संगठनों के रुख पर कोर्ट थोड़ा निराश नजर आया.
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा कि 4 सदस्यीय कमेटी 10 दिन में काम शुरू करे और 2 महीने में रिपोर्ट दे. अगली सुनवाई 8 हफ्ते बाद होगी.
सुप्रीम कोर्ट ने कल ही यह संकेत दे दिए थे कि वह नए किसान कानूनों का अमल रोक देगा. कोर्ट ने कहा था कि वह बातचीत को लेकर एक सकारात्मक माहौल बनाना चाहता है. कोर्ट नहीं ऐसा ही किया. आज कमेटी के सदस्यों के नाम समेत आम नागरिकों के लिए रास्ता खाली करने जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होनी थी. लेकिन आंदोलनकारी संगठनों के वकील कोर्ट में पेश ही नहीं हुए.
सोमवार को हुई सुनवाई में आंदोलनकारी संगठनों की तरफ से वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, एच एस फुल्का और कॉलिन गोंजाल्विस पेश हुए थे. कोर्ट ने उनसे कहा था कि वह उन्हें कानूनों पर रोक लगाने के पीछे उसकी भावना की जानकारी आंदोलनकारियों को दें. बातचीत को लेकर उनका रुख बताएं. कमेटी के सदस्यों के नामों पर सुझाव दें और आंदोलन से बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को हटाने को लेकर भी संगठनों को समझाएं. इन वकीलों को आज कोर्ट जानकारी देनी थी कि किसान संगठन इस मसले पर क्या सोचते हैं. लेकिन यह चारों वकील कोर्ट में पेश नहीं हुए.