रांची: डीजीपी एमवी राव ने ओरमांझी मामले में उद्भेदन करने वाले पुलिस अफसरों को पुरस्कृत करने की घोषणा की है. मामले का उद्भेदन करने पर डीजीपी ने रांची ग्रामीण एसपी नौशाद आलम, डीएसपी (पुलिस मुख्यालय प्रथम) नीरज कुमार, सिल्ली डीएसपी चंद्रशेखर आजाद, खलारी डीएसपी मनोज कुमार, डीएसपी (साइबर थाना, रांची) यशोधरा, पुलिस निरीक्षक सह थाना प्रभारी ओरमांझी श्याम किशोर महतो, पुलिस निरीक्षक सदर पश्चिमी अंचल असित कुमार मोदी की तारीफ की.
उन्होंने कहा कि ओरमांझी मामले की रिपोर्ट आने के बाद से लगातार कई ऐसे घटनाएं हुए. उससे विचलित नहीं होकर उन्होंने अपने कर्तव्य को सही तरीके से निभाया और इस मामले में सफलता पाई.
प्रभारी डीजीपी एमवी राव ने कहा कि बहुत से लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जहर फैला रहे हैं. उन्होंने कहा कि वैसे लोगों को उस काम की ट्रेनिंग के साथ-साथ पैसे दिए जाते हैं. उस काम को करने के लिए उनमें और सुपारी किलर में कोई अंतर नहीं है. सुपारी किलर सीधे पैसा लेकर हत्या करते हैं. सोशल मीडिया में जहर फैलाने वाले जो गुट हैं, रुपए लेकर पूरा समाज को दूषित करते हैं.
जिन लोगों ने ओरमांझी मामले को लेकर जस्टिस फॉर रांची निर्भया कैंपेन चलाया था. उन लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है. जिन लोगों ने ट्विटर, फेसबुक के माध्यम से यह लिखा है कि यह रांची की निर्भया है, उन्हें निश्चित रूप से इस बात की जानकारी होगी. इसलिए पुलिस ने उन्हें नोटिस दिया है कि आकर बताइए कि आप उनके बारे में क्या जानते हैं. अगर रांची की निर्भया है तो कौन-कौन लोग इसमें शामिल थे. अगर उस बारे में आपको कोई जानकारी नहीं तो ‘अपना स्टैंड क्लियर करें’ नहीं तो आपके विरुद्ध पुलिस कार्रवाई करेगी. अभियुक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं की आप सोसाइटी को डिस्टर्ब करें.
एमवी राव ने कहा कि अपराध होने के बाद पुलिस को काम करने का मौका नहीं देंगे. तोड़फोड़ शुरू कर देंगे, विधि व्यवस्था की समस्या को शुरू करेंगे तो पुलिस अपराध का उद्भेदन करेगी या उनके पीछे रहेगी. इसे सही से समझने की जरूरत है.