रांची: कोरोना वैक्सीन को लेकर कोई शक की गुंजाइश नहीं है. टीका पूरी तरह से सुरक्षित है. देश के वैज्ञानिकों ने अथक प्रयास से कोविड 19 का टीका तैयार किया है. लिहाज़ा, इसे बेहिचक लगाया जा सकता है. झारखंड के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के निदेशक कामेश्वर प्रसाद ने खुद कोरोना का टीका लगाया. रांची में मीडिया कर्मियो से बात करते हुए उन्होने कहा कि, कोरोना की वैक्सीन लेने में डरने की ज़रूरत नहीं है. उन्होने खुद इसका टीका लिया है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है.
रांची को छोड़कर अन्य 23 ज़िलों में दो-दो टीकाकरण केंद्र बनाए गए हैं. रांची में सदर अस्पताल, नामकोम सामुदायिक केंद्र के अलावा रिम्स में सेंटर बनाया गया है. शनिवार से शुरू हुए टीकाकरण में रिम्स को शामिल नहीं किया गया था. सोमवार को राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स में टीकाकरण का काम शुरू हुआ. रिम्स निदेशक कामेश्वर प्रसाद ने खुद इसका टीका लिया. पहला टीका रिम्स के सुरक्षाकर्मी बैजू प्रसाद को लगाया गया. टीका लेने के बाद किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है.
शनिवार को रांची समेत सभी ज़िलों में टीकाकरण का काम शुरू हुआ. पहले दिन 3200 हेल्थ वर्कर्स को टीका लगाया गया. राज्य प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. अजीत ने बताया कि, दो मामूली शिकायतों को छोड़कर कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया है. टीका लेने वाले सभी स्वास्थ्यकर्मी स्वस्थ हैं. उनपर निगरानी रखी जा रही है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि, उम्मीद की जानी चाहिए कि, कोरोना वैक्सीन देश के लिए वरदान साबित होगी. उन्होने कहा कि, सभी टीकाकरण केंद्रों में वैक्सीन की उपलब्धता हो इसे सुनिश्चित किया जा रहा है. हेमंत सोरेन ने कहा कि, राज्य सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ कोरोना से बचाव के लिए कदम उठाए हैं. यही वजह है कि, झारखंड अन्य राज्यों के मुकाबले बेहतर स्थिति में रहा है. राज्य का रिकवरी रेट अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है.