नई दिल्ली: कोरोना जैसी बड़ी महमारी को हराने के लिए भारत में वैक्सीनेशन16 जनवरी से शुरू हो गया है, लेकिन वैक्सीन को लेकर अब भी लोगों के मन में डर बना हुआ है कि कहीं इसके कारण उनके स्वास्थ्य पर बुुरा असर न पड़े. वहीं कई लोगों को वैक्सीन के बाद मौत का डर भी सता रहा है. कोरोना वैक्सीनेशन के बाद मौत होने के दावे को एम्स डायरेक्टर ने खारिज किया है.
एम्स निदेशक रणदीप गुलेरिया का कहना है कि किसी भी वैक्सीन से किसी भी इंसान को रिएक्शन हो सकता है. उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से लोगों को माइनर रिएक्शन होते हैं, जैसे फीवर, बॉडी पेन, शरीर में दर्द या जहां पर टीक लगा हो वहां पर दर्द. लेकिन ऐसा भी केवल 10 प्रतिशत लोगों के साथ ही होता है और इसमें घबराने की कोई बात नहीं है, ऐसा होना स्वाभाविक होता है. डॉक्टर गुलेरिया ने ये स्पष्ट कर दिया कि वैक्सीनेशन से ऐसा कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता जिससे मौत हो जाए.
दरअसल लोगों के मन में वैक्सीनेशन के बाद मौत का डर देश में घटी दो घटनाओं से बैठा है. कर्नाटक में 43 वर्षीय स्वास्थ्य कर्मचारी ने 16 जनवरी शनिवार के दिन दोपहर के समय कोरोना का टीका लगवाया था. सोमवार तक वो ठीक रहे, लेकिन इसके बाद उनकी हार्ट अटैक से मौत हो गई. मामले में स्वायत्त सरकारी संस्थान जयदेव हृदय रोग विज्ञान और अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. सी एन मंजूनाथ का कहना है कि कर्मचारी की मौत मात्र एक संयोग है. इसका कोरोना के टीके से कोई लेना-देना नहीं है.