रांचीः पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त हिमांशु शेखर चौधरी ने कहा है कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे चौथे टेस्ट मैच में भारत को मिली जीत ऐतिहासिक है. सीरीज पर भारत का कब्जा करना महत्वपूर्ण नहीं है. महत्वपूर्ण है भारतीय टीम का जज्बा, हौसला और खुद पर विश्वास करने की नई मिशाल.
जिस सीरीज के टेस्ट में पूरी भारतीय टीम सिर्फ दो अंकों में ऑल आउट हो गयी हो, उसी सीरीज में प्रतिद्वंदी टीम को दो टेस्ट मैचों में शिकस्त देना ये प्रमाणित करता है कि खेल में जीतने के लिए तकनीक और कौशल से ज्यादा मायने रखता है खुद पर विश्वास और हार नहीं मानने की ललक.
आस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे टेस्ट सीरीज में भारत के कई दिग्गज और स्थाई खिलाड़ी चोट या पारिवारिक कारणों से टीम का हिस्सा नहीं थे. कागज पर आस्ट्रेलिया की टीम भारत पर हर क्षेत्र में भारी दिख रही थी. ऑस्ट्रेलिया की टीम अनुभवी थी और भारत की टीम अपेक्षाकृत अनुभवहीन.
अनुभव का अभाव सकारात्मक परिणाम हासिल करने में बाधा नहीं बन सका. चौथे और अंतिम टेस्ट के चौथे पारी में भारतीय टीम द्वारा लक्ष्य हासिल कर लेने के उम्मीद कॉमेंट्री कर रहे किसी भी क्रिकेट के दिग्गज को नही थी. हर क्रिकेट विशेषज्ञ भारत की हार या भारत द्वारा ड्रा करने की कोशिश करने का आकलन करने में लगे थे.
तमाम नाकारात्मक आकलन के बीच भारतीय टीम दृढ़ता और शालीनता के साथ क्रिकेट इतिहास में नया मिल का पत्थर स्थापित करने में जुटी रही. ऋषभ पंत द्वारा लगाये विजयी चौके से भारत ने न सिर्फ आस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज जीता बल्कि दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों का दिल भी जीत लिया.
आज की जीत से युवाओं को इस बात की सीख लेनी चाहिये कि आत्मविश्वास कायम रखने से तमाम विपरीत परिस्थितियों में भी कठिन से कठिन लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. इस सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों के खिलाफ अपशब्दों का इस्तेमाल और अमर्यादित व्यवहार भी ऑस्ट्रलियाई दर्शकों द्वारा किया गया. बावजूद इसके भारतीय टीम अपने लक्ष्य से न भटकी न ही अपना आपा खोया. ये भी युवा खिलाड़ियों के लिये एक सबक है. युवाओं को नकारात्मक प्रयासों और बाधाओं में खुद को उलझाने की जगह सकारात्मक सोच बनाये रखते हुए अपने लक्ष्य हासिल करने तक संघर्ष जारी रखना चाहिये.