दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तेजपुर केंद्रीय विश्वविद्यालय के 18वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने 2020 में उत्तीर्ण छात्रों को डिग्री व डिप्लोमा की उपाधि प्रदान की. एक बयान में बताया गया था कि दीक्षांत समारोह मिश्रित तरीके से संपन्न होगा, जिसमें कोविड-19 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सिर्फ शोध छात्र और मेधावी छात्र ही अपनी डिग्रियां और स्वर्ण पदक लेने के लिए उपस्थित रहेंगे.
उन्होंने 2020 में उत्तीर्ण छात्रों को डिग्री व डिप्लोमा की उपाधि प्रदान की. उन्होंने कहा कि आपके जमीनी स्तर के नवाचारों में ‘स्थानीय लोगों के लिए मुखरता’ को जोड़ा जाता है. ये नवाचार स्थानीय समस्याओं को सुलझाने में मदद कर रहे हैं और इस प्रकार, विकास के नए द्वार खोल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमारा राष्ट्र इस वर्ष स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. असम के असंख्य लोगों ने हमारे स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया है. अब, यह आप पर है कि आप आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने जीवन का उपयोग करें.
उन्होंने कहा कि आज 1200 से ज्यादा छात्रों के लिए जीवन भर याद रहने वाला क्षण है. आपके शिक्षक, आपके माता पिता के लिए भी आज का दिन बहुत अहम है. सबसे बड़ी बात आज से आपके करियर के साथ तेजपुर विश्वविद्यालय का नाम हमेशा के लिए जुड़ गया है.
दूसरा- विश्वविद्यालय में आपका काम बहुत उत्साह जगाने वाला है. तीसरा- पूर्वी भारत के सामर्थ्य पर, राष्ट्र निर्माण के लिए यहां के लोगों के प्रयासों पर मेरा ही नहीं देश का भी अटूट विश्वास है. इस भरोसे की कई वजह भी हैं- एक- तेजपुर के इस ऐतिहासिक स्थान से मिलने वाली प्रेरणा.
उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में भारतीय टीम के दृष्टिकोण में बदलाव का एक बड़ा उदाहरण है. पहला टेस्ट हारने के बाद भी उन्होंने लड़ना जारी रखा.
कचरे को ऊर्जा में परिवर्तित करने का प्रभाव बड़े पैमाने पर भी है. फसलों के अवशेष हमारे किसानों और पर्यावरण दोनों के लिए एक बड़ी चुनौती रहे हैं. जैव-गैस और जैव उर्वरकों से संबंधित तकनीक पर जो काम आप कर रहे हैं, वह भारत की एक बड़ी समस्या को हल कर सकता है.