नई दिल्ली: भारतीय टीम के पूर्व कप्तान और महान बल्लेबाज राहुल द्रविड़ को दीवार कहा जाता था, क्योंकि वे टेस्ट क्रिकेट में आसानी से अपना विकेट नहीं गंवाते थे. राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने के बाद कहा जाने लगा था कि उनकी भरपाई शायद ही भारतीय टीम कर पाएगी, लेकिन उन्हीं दिनों एक क्रिकेटर का उद्भव हो रहा था, जो टेस्ट क्रिकेट में भारत की नई दीवार का दर्जा प्राप्त करने वाला था. ये खिलाड़ी कोई और नहीं, बल्कि चेतेश्वर पुजारा हैं.
राहुल द्रविड़ के संन्यास लेने से पहले चेतेश्वर पुजारा भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा बन चुके थे और कुछ अच्छी पारियां खेल चुके थे, लेकिन एक समय पर दो खिलाड़ियों को दीवार का दर्जा नहीं मिल सकता था. ऐसे में जब राहुल ने संन्यास लिया और भारत को अपना नंबर तीन मिला तो फिर भारत की किस्मत बदल गई. भारतीय टीम को जब-जब मैच बचाने और मैच ड्रॉ करने की जरूरत पड़ी है या फिर मुकाबला जीतने की जरूरत हुई है तो फिर चेतेश्वर पुजारा ने टीम इंडिया के लिए ये काम अच्छी तरह से किया है.
चेतेश्वर पुजारा आज यानी 25 जनवरी 2021 को 33 साल के हो गए हैं और आज उनके जन्मदिन के मौके पर उनके एक खास रिकॉर्ड के बारे में बात करने वाले हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. गुजरात के राजकोट में जन्मे चेतेश्वर पुजारा को हम टेस्ट क्रिकेट की नई दीवार इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए एक पारी में सबसे ज्यादा गेंदों का सामना चेतेश्वर पुजारा ने ही किया है. चेतेश्वर पुजारा भारत के एकमात्र क्रिकेटर हैं, जिन्होंने टेस्ट मैच की एक पारी में 500 से ज्यादा खेली हैं.
चेतेश्वर पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक टेस्ट मैच की एक पारी में 525 गेंदें खेलने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है, जबकि राहुल द्रविड़ पाकिस्तान के खइलाफ 495 गेंद खेल पाए थे. तीसरे नंबर पर नवजोत सिंह सिद्धू हैं, जिन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ 491 गेंदों का सामना किया था. वहीं, रवि शास्त्री 477 गेंद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेल चुके हैं. इसके अलावा सुनील गावस्कर ने इंग्लैंड के खिलाफ एक पारी में 472 गेंदों का सामना किया था, लेकिन पुजारा एकमात्र भारतीय हैं, जो 500 से ज्यादा गेंद खेले हैं.
आपको 2018-19 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भारतीय टीम को टेस्ट सीरीज में मिली ऐतिहासिक जीत के बारे में पता होगा. उस सीरीज के नायक चेतेश्वर पुजारा ही थे, जिन्होंने सभी मैचों में रन बनाए थे. उन्होंने 4 मैचों में 521 रन बनाए थे, जिसमें पुजारा के बल्ले से 3 शतक निकले थे. वहीं, 2020-21 की सीरीज में भी चेतेश्वर पुजारा नायक रहे, लेकिन इस बार उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों को थकाने का काम किया और सीरीज में सबसे ज्यादा गेंदें खेलीं. यहां तक कि आखिरी मैच में उन्होंने अपने शरीर पर भी तमाम गेंदें झेली थीं.
चेतेश्वर पुजारा का करियर
पुजारा ने भारत के लिए 2010 में टेस्ट डेब्यू किया था. उन्होंने अब तक 81 टेस्ट मैचों में 6111 रन बनाए हैं, जिसमें 3 दोहरे शतक, 18 शतक और 28 अर्धशतक शामिल हैं. उन्होंने अब तक 13572 गेंदों का सामना किया है. उनका स्ट्राइकरेट 45 के करीब का है. वहीं, 5 वनडे मैच भी वे खेल चुके हैं, लेकिन वे इस फॉर्मेट में सफल नहीं हो सके थे. साल 2013 और 2014 में उनको कुछ मौके मिले, लेकिन वे 5 पारियों में सिर्फ 51 रन बना पाए थे. इसके अलावा 30 आइपीएल मैचों में उन्होंने 390 रन बनाए हैं.