नई दिल्ली: रिपब्लिक टीवी के टीआरपी मामले में एक नया मोड़ आ गया है. इस मामले में कथित रूप से पहले ही व्हाट्सएप चैट लीक हो चुकी हैं और अब बार्क इंडिया के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने एक बयान देकर रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.
पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता ने इस मामले में एक लिखित बयान देते हुए यह दावा किया है कि अर्णब गोस्वामी ने उन्हें 12 हजार डॉलर ट्रेवल के लिए और 40 लाख कैश दिए थे.
दासगुप्ता ने कबूला
दासगुप्ता ने यह बयान मुंबई पुलिस को दिया है उन्होंने बताया कि अर्णब गोस्वामी ने उन्हें तीन साल के दौरान कुल 40 लाख रुपये दिए. जिसके एवज में उन्हें रिपब्लिक के पक्ष में रेटिंग में छेड़छाड़ करनी थी. यह जानकारी उस सप्लीमेंट्री चार्जशीट से मिली है जो टीआरपी घोटाले मामले में पुलिस द्वारा दायर की गई है.
यह सप्लीमेंट्री चार्जशीट 3600 पन्नों की है जिसे मुंबई पुलिस ने 11 जनवरी को दायर किया था. इसमें बार्क फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट भी शामिल थी. इसके अलावा इसमें दासगुप्ता और गोस्वामी के बीच की लीक हुई व्हाट्सएप चैट भी शामिल है. इतना ही नहीं इसमें बार्क के पूर्व कर्मचारी और केबल ऑपरेटर समेत 59 लोगों के बयान भी शामिल हैं.
क्या है दासगुप्ता के बयान में
दासगुप्ता ने पुलिस को दिए अपने बयान में लिखा है, “मैं अर्नब गोस्वामी को साल 2004 से जानता हूं. हम टाइम्स नाउ में एक साथ काम किया करते थे. मैंने बार्क के सीईओ के तौर पर 2013 में ज्वॉइन किया था और अर्नब गोस्वामी ने साल 2017 में रिपब्लिक टीवी लॉन्च किया. रिपब्लिक लॉन्च करने से पहले उसने मुझसे कई बार इस योजना को लेकर बात की थी और रेटिंग के लिए हेल्प करने की बात भी कही थी. अर्णब को पता था कि मुझे पता है कि टीआरपी सिस्टम किस तरह से काम करता है?”
लंबे समय से चल रहा था ये…
उन्होंने अपने बयान में कहा, “मैं अपनी टीम के साथ काम करता था और टीआरपी में छेड़छाड़ करता था. जिससे कि रिपब्लिक टीवी को नंबर एक रेटिंग मिल सके. यह लगभग साल 2017 से 19 तक जारी रहा. 2017 में अर्नब गोस्वामी ने मुझे करीब 6000 डॉलर कैश दिए. इसके बाद 2019 में भी उन्होंने मुझे इतनी ही राशि दी. 2017 में भी गोस्वामी ने मुझ से मुलाकात की और मुझे 20 लाख रुपये कैश दिए. 2018 और 2019 में उन्होंने फिर मुझे 20 लाख रुपये दिए.”