Education Blog
  • मुख्य पृष्ठ
  • समाचार
  • सामान्य ज्ञान
  • करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • परवरिश
  • जीवनी
  • भाषा और साहित्य
  • आज का इतिहास
No Result
View All Result
BnnBharat | bnnbharat.com | बी एन एन भारत Email: brownnewsnetwork@gmail.com
No Result
View All Result

मध्य प्रदेश में नक्सलवाद रोकने के लिए विकास की आवश्यकता

by bnnbharat.com
August 27, 2019
in Uncategorized
0
मध्य प्रदेश में नक्सलवाद रोकने के लिए विकास की आवश्यकता

Need for development to stop Naxalism in Madhya Pradesh

मध्य प्रदेश में नक्सलवाद दो जिलों मंडला और बालाघाट तक ही सीमित है, मगर इसके विस्तार की आशंका को कोई नहीं नकार सकता. राज्य सरकार इन दोनों जिलों के तीन पड़ोसी जिलों को नक्सलवाद प्रभावित जिलों की श्रेणी में लाकर विकास और सुधार कार्य चलाने पर जोर दे रही है. राज्य के दो जिले बालाघाट और मंडला में लगभग ढाई दशक से नक्सल गतिविधियां संचालित हैं. यह इलाका छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र की सीमा पर है. छत्तीसगढ़ का राजनांदगांव और महाराष्ट्र का गढ़चिरौली इन इलाकों से लगा हुआ है. लिहाजा यहां इसका असर मध्य प्रदेश के दो जिलों पर है. साथ ही इसके आगे विस्तार होने की आशंका बनी रहती है.

दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के मुख्यमंत्रियों की सोमवार को बैठक हुई. इस बैठक में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंडला व बालाघाट जिलों के पड़ोसी जिलों अनूपपुर, उमरिया और डिंडौरी जिलों को भी नक्सल प्रभावित जिलों की श्रेणी में शामिल करने का आग्रह किया.

कमलनाथ ने कहा कि इन तीन जिलों में नक्सली समस्या न उभर पाए, इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार को मिलकर प्रयास करना चाहिए. एकीकृत कार्य-योजना की तर्ज पर इन जिलों में भी विकास-कार्यो की योजना बनाई जाए.

आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्र सरकार को नक्सल प्रभावित इलाकों में आई.टी.आई., पॉलीटेक्निक खोलने का सुझाव दिया है, जिससे युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें और वे उग्रवाद की विचारधारा से दूर रहें.

उन्होंने मंडला और डिंडौरी के अलावा शेष नौ विकास खंडों में भी एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय खोलने का आग्रह किया.

उन्होंने नक्सल प्रभावित इलाकों के लिए इंडिया रिजर्व बटालियन की संख्या बल को बढ़ाकर प्रभावित इलाकों में इन अतिरिक्त जवानों की तैनाती की मांग की.

मुख्यमंत्री ने सशक्त संचार माध्यम विकसित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि पिछड़े इलाकों में 3जी, 4जी की सेवाएं न होने के कारण सूचना तंत्र प्रभावी नहीं है.

उन्होंने पिछड़े क्षेत्रों में BSNL की सेवा संतोषजनक नहीं होने से निजी टेलीकॉम ऑपरेटरों की सेवाएं लेने की जरूरत बताई, ताकि सूचना तंत्र 3जी और 4जी के माध्यम से प्रभावी हो सके.

प्रदेश में नक्सलवाद से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2000 में ‘हॉक’ बल बनाया गया था. इसमें सहभागिता आधारित विकास नीतियों के कारण नक्सलवाद को केवल दो जिलों बालाघाट और मंडला की सीमा तक सीमित करने में सफलता मिली. राज्य पुलिस लगातार महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पुलिस के साथ समन्वय बनाए हुए है. पुलिस बल के आधुनिकीकरण पर अधिक जोर दिया गया है.

पुलिस आधुनिक गैजेट्स जैसे ट्रैकर्स, जीपीएस, ड्रोन, ट्रैप कैमरा, बॉडी प्रोटेक्टिव आर्मरेस और जंगल रिस्ट वाहनों से लैस हैं. साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए विशेष खुफिया शाखा बनाई गई है.

Share this:

  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Like this:

Like Loading...

Related

Tags: Madhya Pradeshmadhya pradesh newsmadhya pradesh news in hindiMPNews in Hindiछत्तीसगढ़डिंडौरीनक्सली समस्यामंडलामुख्यमंत्री कमलनाथराज्य सरकार
Previous Post

मेरी कोई अघोषित संपत्ति नहीं : कार्ति चिदंबरम

Next Post

खेल मंत्री ने बैडमिंटन विश्व चैम्पियन पी.वी सिंधु से की मुलाकात

bnnbharat.com

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Most commented

17 जुलाई का इतिहास : आज का इतिहास

16 जुलाई का इतिहास : आज का इतिहास

15 जुलाई का इतिहास : आज का इतिहास

14 जुलाई का इतिहास : आज का इतिहास

13 जुलाई का इतिहास : आज का इतिहास

12 जुलाई का इतिहास : आज का इतिहास

BnnBharat | bnnbharat.com | बी एन एन भारत Email: brownnewsnetwork@gmail.com

© 2023 BnnBharat

  • Privacy Policy
  • Admin
  • Advertise with Us
  • Contact Us

No Result
View All Result
  • मुख्य पृष्ठ
  • समाचार
  • सामान्य ज्ञान
  • करेंट अफेयर्स
  • स्वास्थ्य
  • शिक्षा
  • परवरिश
  • जीवनी
  • भाषा और साहित्य
  • आज का इतिहास

© 2023 BnnBharat

%d bloggers like this: