संवाददाता, रांची
जिला प्रशासन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए स्वंयसेवी संस्था हेल्दी एजिंग इंडिया के साथ समझौता किया है. अब संस्था से जुड़े बुजूर्ग सरकारी स्कूलों में दादा-दादी की भूमिका में जायेंगे और स्कूली बच्चों को बेहतर जीवन यापन और मानवीय मूल्यों पर टिप्स उपलब्ध करायेंगे. बुजूर्ग शिक्षकों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान यह बातें उपायुक्त राय महिमापत रे ने मंगलवार को कहीं.
उपायुक्त ने कहा कि जिला प्रशासन स्कूलों की स्थिति सुधारने के लिए तत्पर है. सेवानिवृत हो चुके वरिष्ठ नागरिकों की मदद से सरकारी स्कूलों के बच्चों में सीखने की क्षमता में सुधार लाने के लिए यह प्रयास किया गया है. संस्था की मदद से अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक केंद्र की तरह शैक्षणिक सुधार किया जायेगा. वरिष्ठ नागरिक अपने अनुभव के आधार पर बच्चों को बातें साझा करेंगे. सरकारी स्कूलों के उच्च प्राथमिक स्तर के स्कूली बच्चों को अकादमिक सहायता प्रदान करेंगे. योजना के क्रियान्वयन के लिए जिला प्रशासन चयनीत 100 वरिष्ठ नागरिकों को प्रशिक्षित भी करेगा.
उपायुक्त ने कहा कि हमें विभिन्न एनजीओ का सहयोग भी मिल रहा है. इससे हमें सरकारी स्कूलों के नतीजे सुधारने का अवसर भी मिलेगा. बुजुर्ग शिक्षकों के पहले बैच के लिए प्रशिक्षण सत्र 24 अगस्त से शुरू हुआ है. बड़े संस्थानों और विभिन्न सरकारी क्षेत्रों से सेवानिवृत्त हुए बुजुर्ग जिनमें शिक्षा, बैंक, रक्षा, सेल, सीसीएल, आदि से शामिल लोगों ने प्रशिक्षण सत्र में भाग लिया. प्रशिक्षण सत्र में शिक्षा की बारिकियों पर स्टेट रिसोर्स पर्सन कीर्तिवास ने अपनी बातें रखीं. प्रशिक्षण के दौरान वरिष्ठ नागरिकों को बच्चों को कैसे हैंडल करें, उन्हें पाठ कैसे सिखाया जाए, किसी विशेष परिस्थिति में बच्चों के साथ व्यवहार सहित शिक्षण से जुड़े विभिन्न आयामों पर प्रशिक्षित किया गया. प्रशिक्षण सत्र में जिला शिक्षा अधीक्षक कमला सिंह, बीईओ अशोक गुप्ता और आईजीएलसी प्रोजेक्ट को ऑर्डिनेटर पुष्पलता भारद्वाज उपस्थित थी.