विधान भवन के सामने मंगलवार को मूलरूप से सीतापुर के खैराबाद निवासी ठेकेदार वीरेंद्र कुमार रस्तोगी ने आत्मदाह की कोशिश की। वीरेंद्र का आरोप है कि करीब 30 लाख रुपये का विभाग की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है। पुलिस ने सीतापुर पुलिस और राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों को मामले की जानकारी दे दी है। आग लगाने से वीरेंद्र का बायां पैर झुलस गया। ड्यूटी पर मुस्तैद पुलिसकर्मियों ने कड़ी मशक्कत से किसी तरह वीरेंद्र को पकड़ा और आग बुझाकर सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक वीरेंद्र नौ फीसद झुलसे हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
वीरेंद्र का कहना है कि वर्ष 2005-06 में उन्होंने राजकीय निर्माण निगम के तहत मथुरा में शटरिंग का काम कराया था। काम पूरा होने के बाद विभाग की ओर से उनका भुगतान नहीं किया जा रहा है। करीब 14 साल से वह विभाग के अधिकारियों और मुख्यमंत्री समेत अन्य लोगों से मिलकर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। विभाग ने न तो उनका भुगतान किया और न ही शटरिंग का सामान वापस किया। सुनवाई न होने से परेशान वीरेंद्र मंगलवार दोपहर में विधान भवन के बाहर पहुंचे थे। सीओ हजरतगंज के मुताबिक वीरेंद्र ने बापू भवन के पास पैर में आग लगा ली थी और दौड़ते हुए विधान भवन की तरफ पहुंचे थे। इस दौरान वहां पर पहले से मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने वीरेंद्र को किसी तरह पकड़ लिया और आग पर काबू कर अस्पताल लेकर गए।
भुगतान न मिलने पर निर्माण निगम के अधिकारियों पर वीरेंद्र ने गंभीर आरोप लगाया। इंस्पेक्टर हजरतगंज राधारमण सिंह के मुताबिक वीरेंद्र ने आत्मदाह की कोशिश की थी। उनका बायां पैर झुलस गया है, जिन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि वीरेंद्र नौ फीसद झुलसे हैं।