नई दिल्ली:- केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ ममता सरकार ने पश्चिम बंगाल विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है. कृषि कानूनों के खिलाफ ममता सरकार के प्रस्ताव का भाजपा ने जमकर विरोध किया और सदन में जय श्रीराम के नारे लगाए. यही नहीं प्रस्ताव पेश किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी के विधायक सदन से वॉकआउट कर गए. जबकि कांग्रेस और लेफ्ट ने ममता सरकार के इस प्रस्ताव का समर्थन किया. कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव के दौरान ममता बनर्जी ने सदन में केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला.
ममता बनर्जी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह तीनों ही कृषि कानूनों को वापस ले. भाजपा हमेशा ही आंदोलन को आतंकवादी गतिविधि करार देती रही है.
भाजपा पूरे देश को लंका कांड की तरह जला रही है, ये तीनों ही कानून किसान विरोधी हैं और हम पूरी तरह से इन कानूनों का विरोध कर रहे आंदोलनकारी किसानों के साथ हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विरोध से ठीक से निपट नहीं सकी. लाखों किसान आंदोलन कर रहे हैं, एक या दो छोटी घटनाएं हो सकती हैं, लोगों में गुस्सा है और भावनाएं अधिक चल रही है, लेकिन इन्हें आतंकवादी नहीं कहा जा सकता है. किसानों को आतंकवादी करार देने के भाजपा के प्रयासों को हम कतई स्वीकार नहीं करेंगे.
ममता ने कहा कि पुलिस दिल्ली में स्थिति को सही से संभाल नहीं सकी, अगर ये बंगाल में हुआ होता तो अमित भैया कहते, क्या हुआ. हम इसकी कड़ी आलोचना करते हैं, हम चाहते हैं कि इन तीनों की कानूनों को वापस लिया जाए, या तो आप इन तीनों ही कानूनों को वापस लें या फिर कुर्सी छोड़ दें. हम किसानों के साथ हैं, हम चाहते हैं कि इन कानूनों को वापस लिया जाए. कृषि कानूनों को जबरन पास कराया गया है. दिल्ली में हालात को मोदी सरकार ने बहुत ही गलत तरह से संभाला है, वहां जो भी हुआ उसके लिए भाजपा जिम्मेदार है. पहले दिल्ली संभालिए उसके बाद बंगाल के बारे में सोचिए.
बता दें कि पिछले कुछ महीनों से किसान केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानुनों का विरोध कर रहे हैं. किसान इस बात पर अड़े हैं कि तीनों ही कृषि कानूनों को वापस लिया जाए और एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाया जाए. जबकि सरकार इन कानूनों में संशोधन की बात कह रही है लेकिन इन्हें वापस करने के लिए तैयार नहीं है. सरकार और किसान नेताओं के बीत 9 राउंड की बैठक हो चुकी है लेकिन अभी तक इस गतिरोध का हल नहीं निकल सका है.