देश की एक बेटी ने फिर साबित कर दिखाया है, कि जमीन से लेकर आसमान तक वो किसी का भी मुकाबला कर सकती हैं. इस बार महिलाओं के नाम ये गौरव दिलाने का श्रेय शालिजा धामी को जाता है. शालिजा फ्लाइट कमांडकर बनी हैं. इसके साथ ही वह फ्लाइट कमांडर बनने वाली देश की पहली महिला वायुसेना अधिकारी बन गई हैं.
शालिजा धामी एक विंग कमांडर हैं, जो पिछले 15 सालों से भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन कर देश की सेवा कर रही हैं. अब उन्हें उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में हिंडन एयरबेस पर चेतक हेलीकॉप्टर यूनिट में फ्लाइट कमांडर का पद संभालने की जिम्मेदारी दी गई है.
बता दें कि फ्लाइट कमांडर वायुसेना में पहली प्रमुख लीडरशिप पोजिशन होती है. भारतीय वायुसेना में अपने 15 साल के करियर में शालिजा चेतक और चीता हेलीकॉप्टर्स उड़ाती रही हैं. उनके नाम कई रिकॉर्ड्स दर्ज हैं. वह चेतक और चीता हेलीकॉप्टर्स के लिए वह भारतीय वायुसेना की पहली महिला योग्य फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर भी हैं. इतना ही नहीं, शालिजा धामी वायुसेना की पहली महिला अधिकारी हैं, जिन्हें लंबे कार्यकाल के लिए फ्लाइंग ब्रांच में स्थाई कमीशन दिया जाएगा. उन्हें 2300 घंटे तक उड़ान भरने का अनुभव है.
शालिजा पंजाब के लुधियाना की रहने वाली हैं. वहीं उनकी पढ़ाई भी पूरी हुई है।.उनका एक बेटा भी है, जिसकी उम्र करीब 9 साल है. शालिजा बताती हैं, कि वह बचपन से ही पायलट बनना चाहती थी. उन्होंने अपना यह सपना पूरा किया. शालिजा को जिस हेलीकॉप्टर (चेतक) को उड़ाने की जिम्मेदारी दी गई है, वह एक लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर है, जिसमें 6 पैसेंजर बैठ सकते हैं. इसकी अधिकतम स्पीड 220 किमी प्रति घंटा है.