दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में इजरायली दूतावास के पास शुक्रवार शाम को धमाका हुआ. दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को एक सीसीटीवी फुटेज मिला है, जिसमें दो लोगों को कार से बाहर निकलकर दूतावास की ओर आगे बढ़ते देखा जा रहा है. नई दिल्ली में इजराइल दूतावास के पास ब्लास्ट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटकों की जांच के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड की एक टीम तैनात की जा रही है. टीम जल्द घटनास्थल पर जाएगी.
वहीं इस घटना को लेकर इजरायल के राजदूत रॉन मलका ने कहा कि जांच चल रही है, घटनास्थल से सभी सबूत जुटाए जा रहे हैं. भारत और इजरायल के अधिकारियों का पूरा सहयोग मिल रहा है. अभी हमें लगता है कि ये एक आतंकवादी हमला है, जिसका निशाना इजरायली दूतावास था. उन्होंने कहा कि कल जब ये हमला हुआ तब हमने भारत और इजराइल के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 29वीं वर्षगांठ मनाई. तो हो सकता है कि ये सिर्फ एक इत्तेफाक ना हो. सभी विकल्पों की जांच की जा रही है.
रॉन मलका ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि भारतीय अधिकारी भारत में इजराइल के प्रतिनिधियों की रक्षा करने के लिए जो भी कदम उठाने की जरूरत होगी वो कदम उठाएंगे और इसके लिए जो लोग ज़िम्मेदार है उन्हें ढूढेंगे. इस घटना में दिल्ली के लुटियंस हाई सिक्योरिटी जोन में कुछ कारें क्षतिग्रस्त हुई हैं. जिस गाड़ी से इन दो लोगों को दूतावास के पास छोड़ा गया था, उसके चालक का पता लगा लिया गया है और इन दो संदिग्धों के स्कैच बनाए जा रहे हैं.
ब्लास्ट में इनकी संलिप्तता को सुनिश्चित करने के लिए जांच शुरू कर दी गई है. मौके से एक खत भी बरामद हुआ है, जिसमें लिखा हुआ है कि यह धमाका बस एक ‘ट्रेलर’ है. सूत्रों ने बताया कि खत में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी और ईरान के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फाखरीजादे का उल्लेख ‘शहीद’ के रूप में किया गया है. बीते साल इन दोनों की ही हत्या कर दी गई है.