दिल्ली: किसान नेता नरेश टिकैत ने रविवार को कहा कि नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गरिमा का सम्मान करेंगे, लेकिन वे अपने आत्म-सम्मान की रक्षा के लिए भी प्रतिबद्ध हैं. नरेश टिकैत का यह बयान ऐसे समय आया है, जब प्रधानमंत्री ने कहा कि कि सरकार से किसानों की बातचीत में महज ”एक फोन कॉल की दूरी” है.
टिकैत ने कहा कि सरकार को ”हमारे लोगों को रिहा करना चाहिए और वार्ता के अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए.” उन्होंने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के बीच गाजीपुर सीमा पर से कहा, ”एक सम्मानजनक स्थिति पर पहुंचा जाना चाहिए. हम दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे.”
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री ने गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय राजधानी में हुई हिंसा के कुछ दिन बाद शनिवार को कहा था कि प्रदर्शनकारी किसानों के लिए उनकी सरकार का प्रस्ताव अब भी बरकरार है और बातचीत में महज ”एक फोन कॉल की दूरी” है. टिकैत ने कहा, ”हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे. किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुके.”
उन्होंने कहा, ” हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो. बीच का कोई रास्ता खोजा जाना चाहिए. वार्ता होनी चाहिए.” टिकैत ने कहा, ”26 जनवरी को हुई हिंसा षड्यंत्र का हिस्सा थी. तिरंगा हर किसी से ऊपर है. हम किसी को इसका अपमान नहीं करने देंगे. इसे सहन नहीं किया जाएगा.” दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में करीब 40 मामले दर्ज किए हैं और 80 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.