रांची/दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2021-22 का वार्षिक आम बजट पेश करेगी. इस बजट से झारखंड को कई उम्मीद है. वहीं हेमंत सोरेन और राज्य के वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बजट में झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों के लिए विशेष प्रावधान की उम्मीद जतायी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि केंद्र सरकार के बजट से सभी राज्यों को उम्मीदें होती हैं, झारखंड के लोगों को भी उम्मीद है, लेकिन बजट में क्या होगा, यह अभी कहना मुश्किल है, क्योंकि केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार कहती कुछ है और करती कुछ है. अभी कोरोना संक्रमण के कारण एक साल से आर्थिक गतिविधियां बाधित है, ऐसे समय में बजट से और भी उम्मीदें बढ़ जाती है.
इधर, वित्तमंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार जीएसटी क्षतिपूर्ति की राशि समय पर भुगतान करें और केंद्र सरकार की ओर से महीने की 20 तारीख को जो भुगतान किया जाता है, उसका भुगतान 1 तारीख को ही कर दिया, ऐसा नहीं होने से अभी ऋण लेने की जरूरत पड़ जाती है.
इधर, राज्य के आम लोगों, व्यवसायियों, किसानों, मजदूरों, गृहणियों, छात्र और युवाओं को भी बजट से अलग-अलग उम्मीद है. बजट से उम्मीद के संबंध में कुछ किसानों ने बताया कि सरकार किसानों के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था करें, ताकि किसान यह तय पाये कि उनके लिए किस तरह की खेती उपयुक्त होगी.
वहीं कुछ किसानों ने कृषि ऋण माफी का आग्रह किया है. वहीं गृहणियों का कहना है कि केंद्रीय वित्तमंत्री भी महिला है, इसलिए वह घर की आम महिलाओं की समस्याओं को अच्छी तरह से समझती है और आम बजट में घर की रसोई को चलाने में सरकार की ओर से कई रियायतें मिलनी उम्मीद है.
दूसरी तरफ झारखंड चेंबर के सदस्यों का कहना है कि सरकार उद्योग और व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक छूट प्रदान करें, कोरोना संक्रमण काल में व्यवसाय काफी प्रभावित हुआ है, अर्थव्यवस्था में गिरावट आने से रोजगार के अवसर में भी कमी आयी है. कई दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद हो गये है, ऐसे में ऋण और अन्य सहायता उपलब्ध कराने की जरूरत है.