रांची: भारत सरकार का वर्ष 2020-21 का वार्षिक बजट कठिन परिस्थिति में तैयार किया गया एक संतुलित बजट है, जिसमें अर्थव्यवस्था के विकास का लाभ मध्यम वर्ग एवं ग्रामीण क्षेत्र को पहुंचाने की कोशिश की गई है. बजट घाटे का जरूर है मगर वर्ष के अंत तक बजट घाटा की भरपाई कर लेने की उम्मीद भी दर्शाई गई है.
अधोसंरचना क्षेत्र में भारी सरकारी निवेश से अर्थव्यवस्था गतिशील होगी. ग्रामीण क्षेत्र में समृद्धि आयेगी. सरकार ने समृद्ध वर्ग पर कोई नया टैक्स नहीं लगाकर उन्हें आशंका मुक्त किया है.
केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत बढ़ाने का लाभ राज्यों को मिलेगा. कुल मिलाकर यह एक संतोषजनक बजट है. वर्तमान परिस्थिति में यह एक संतुलित एवं अग्रगामी बजट है, जिससे अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने की उम्मीद की जा सकती है.