गढ़वा: स्वास्थ्य विभाग, गढ़वा में फर्जीवाड़ा कर बंध्याकरण मद की प्रोत्साहन राशि गबन करने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. वर्ष 2015 से 2018 तक तीन वर्षों में 2.38 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा किए जाने के मामले में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन रांची के प्रशासी पदाधिकारी द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच टीम ने कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए जांच रिपोर्ट सौंप दी है.
गढ़वा के तत्कालीन सिविल सर्जन समेत पांच कर्मियों व आठ निजी अस्पतालों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने की अनुशंसा की गई है. इसके आलोक में अग्रेतर कार्रवाई के लिए सरकार के उपसचिव गुरुशरण भगत द्वारा मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग के अवर सचिव को लिखा गया है.
इन लोगों पर कार्रवाई की हुई है अनुशंसा
जांच टीम ने बंध्याकरण में फर्जीवाड़ा के मामले में तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. टी हेंब्रम, एसीएमओ, डीपीएम आशुतोष मिश्र, डीपीसी विनय कुमार, अनुमंडलीय अस्पताल श्रीबंशीधर नगर की उपाधीक्षक व सीएचसी भवनाथपुर के चिकित्सा प्रभारी के अलावा आरोग्यम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर गढ़वा, आयुष ट्रस्ट हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, संजीवनी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, गुलाब हॉस्पिटल एंड वेलफेयर सोसाइटी श्रीबंशीधर नगर, नवनीत सर्जिकल सेंटर गढ़वा, सूर्या क्लिनिक एंड वेलफेयर सोसाइटी गढ़वा, लांग लाइफ हॉस्पिटल भवनाथपुर एवं श्रीयंत्रम हॉस्पिटल श्रीबंशीधर नगर के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.
साथ ही भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से भी इस मामले की विस्तृत जांच कराने की अनुशंसा की गई है. सरकार के उपसचिव मंत्रीमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग ने ज्ञापंक संख्या 147 दिनांक 12 नवंबर 2020 के साथ संलग्न जांच रिपोर्ट अवर सचिव को भेजा है.