रांची:- राज्य सरकार ने अनुकंपा आधारित नीति में संशोधन किया है अब तक मृत सरकारी सेवकों के आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी दी जाती थी लेकिन बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में 7 साल से लापता सरकारी सेवक के आश्रित को भी अनुकंपा के आधार पर नौकरी दी जाएगी वहीं विभिन्न संस्थान कॉरपोरेशन नगर निकाय खुद अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के मामले में निर्णय ले सकेंगे. लॉकडाउन के तहत प्रवासी मजदूरों के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी और अभियोजन को वापस लेने का निर्णय लिया गया है इसके तहत 30 कांड वापस लिए जाएंगे झारखंड राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर डीके तिवारी की नियुक्ति की स्वीकृति दी गई है डॉ डीके तिवारी झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव भी हैं.पुणे रक्षित पुनर्वास नीति 2012 में निहित प्रावधानों के आलोक में जल संसाधन विभाग में वर्ग तीन के पदों पर नियुक्ति नियमावली के गठन को स्वीकृति दी गई इसके तहत विस्थापित श्रेणी के लिए ग्रेड 3 में 3 साल का छूट दिया जाएगा साथ ही जितना जमीन जाएगा उसके अनुपात में उन्हें वेटेज भी दिया जाएगा 2 एकड़ से कम भूमि जाने पर 2 अंक मिलेगा दो से 4 एकड़ भूमि जाने पर चार अंक तीन से चार एकड़ भूमि जाने पर 6 वर्ग 4 से 5 एकड़ भूमि जाने पर 8 अंक और 5 एकड़ भूमि जाने पर 10 नंबर का ग्रेस मार्क्स मिलेगा.चास रांची मांगू नगर निकाय के शहरी क्षेत्रों में चिन्हित नालों से बहने वाले सीवरेज की रोकथाम के लिए नीति को डीपीआर तैयार करने की स्वीकृति दी गई इसके लिए 153 लाख रुपए की स्वीकृति दी गई है राज्य के 4374 ग्राम पंचायतों के 21870 दोनों में प्रति पंचायत 5 चापानल लगाने के लिए 184.31 करोड़ों रुपए की स्वीकृति दी गई. द कमर्शियल कोर्ट कमर्शियल अपीलेट डिविजन ऑफ़ हाई कोर्ट एक्ट 2018 की धारा 6 के तहत झारखंड राज्य के प्रत्येक जिले में सिविल जज के 1-1 न्यायालय जिला न्यायाधीश स्तर के 1-1 न्यायालय के गठन करने की स्वीकृति दी गई. गढ़वा के नगर उंटारी में अनुमंडलीय न्यायालय के गठन की स्वीकृति दी गई सड़क दुर्घटना में प्रभावित ज़ख्मी व्यक्ति की सहायता के लिए नेक नागरिकों को प्रेरित करने के लिए झारखंड गुड समा रिटर्न पॉलिसी की स्वीकृति दी गई इसके तहत पुरस्कार के रूप में ₹2000 तक मिलेगा सदर अस्पताल धनबाद में चिकित्सक विशेषज्ञ चिकित्सक और दंत चिकित्सक के 24 पद सृजन की स्वीकृति दी गई सोन कनहर वृहद सिंचाई परियोजना के कार्यान्वयन के लिए नाबार्ड से 1057.79 करोड़ विवरण की स्वीकृति दी गई. वित्तीय वर्ष 2020 से 20 21 तकके विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को सब्सिडी के लिए एक हजार करोड़ रुपए की राशि झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम को भी मुक्त करने की स्वीकृति दी गई वही अक्टूबर 2020 से मार्च 2021 तक के कलेक्शन बेस्ट सब्सिडी को शिथिल करने की स्वीकृति दी गई.