धनबाद: राज्य सरकार ने कोयला सहित अन्य खनिज संपदा के उठाव को लेकर गाइडलाइन जारी कर दिया है. ई-चालान के बिना कोयला डिस्पैच करने पर कार्रवाई की जाएगी. खनन विभाग से लाइसेंस जारी किया जा रहा है. उक्त बातें झारखंड सरकार के खान निदेशक शंकर सिन्हा ने कही. वे शनिवार को खनन विभाग में बीसीसीएल निदेशक वित्त समीरण दत्ता व महाप्रबंधकों के साथ समीक्षा बैठक करते हुए कहा. उन्होंने कहा कि कोयला डिस्पैच कम होने से इसका सीधा असर राजस्व वसूली पर पड़ रहा है. राजस्व घटने से इसका असर कई तरह के कामों पर सरकार को पड़ता है.
कोयला उत्पादन, डिस्पैच को लेकर विस्तार से चर्चा की
निदेशक ने कहा कि हर माह के दस तारीख तक सभी को खनिज उठाव का रिटर्न भरना होगा. ऐसा नहीं करने पर कोयला उठाव बंद कर दिया जाएगा. चालान की भी निकासी नहीं हो पाएगी. इस लिए प्राथमिकता के आधार पर सरकार के गाइडलाइन का पालन किया जाए. उन्होंने कहा कि रेलवे से कोयला डिस्पैच के लिए ई चालान जरूरी है. इसके लिए खनन विभाग से लाइसेंस जारी किया जा रहा है. निदेशक वित्त ने बताया कि बीसीसीएल प्रंबधन ने भी 500 लाइसेंस लिया है. कुछ लाइसेंस फंड के अभाव में नहीं हो पा रहा है. इस पर खान निदेशक सिन्हा ने एक माह के अंदर फंड जमा करते हुए लाइसेंस लेने की छूट दी.
इधर, जिला खान पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि परियोजना क्षेत्र में निमित कोयला प्रेषण की जांच हो रही है. कई को नोटिस भी जारी किया गया है. सर्टिफिकेट केस भी दर्ज किया गया है. 750 आवेदन लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया था, जिसमें 500 आवेदनों की स्वीकृति प्रदान कर दिया है. 113 मामले पेंडिग है. बैठक में उपनिदेशक खान एसपी कुजूर, जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार, खान निरीक्षक सुनील कुमार, पींटू कुमार, बीसीसीएल के सेल्स महाप्रबंधक यूबी ङ्क्षसह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.
खनिज संपदा चोरी पर लगाए रोक
बैठक के दौरान खनन अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि खनिज संपदा की चोरी हर हाल में रोके. बालू, पत्थर की चोरी पर रोक लगाए. शिकायत मिलती है तो उसका गंभीरता से जांच करें. अवैध खनन स्थल का चिन्हित करने का काम भी करें.