नई दिल्ली : आईएनएक्स मीडिया मामले में इस समय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम सीबीआई की हिरासत में हैं. उन्हें आईएनएक्स मीडिया की पूर्व मालिक और अब सरकारी गवाह बन चुकीं इंद्राणी बनर्जी के बयान के आधार पर गिरफ्तार किया गया है. जब उनसे चिदंबरम की गिरफ्तारी को लेकर पूछा गया तो मुखर्जी ने कहा, यह अच्छी खबर है कि चिदंबरम को गिरफ्तार किया गया है. 4 जुलाई को दिल्ली की एक विशेष सीबीआई अदालत ने आईएनएक्स मीडिया भ्रष्टाचार मामले में इंद्राणी मुखर्जी को सरकारी गवाह बनने की अनुमति दी थी. इस मामले में पी. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम आरोपी हैं. उनपर 2007 में वित्त मंत्री रहते हुए आईएनएक्स मीडिया को विदेश से 305 करोड़ रुपये स्वीकार करने के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की ओर से दी गई मंजूरी में कथित अनियमितताओं का आरोप है.
चिदंबरम पर बेटे के जरिए 300 करोड़ रिश्वत लेने का आरोप
एजेंसी का आरोप है कि आईएनएक्स मीडिया समूह में विदेशी निवेश प्रोत्साहन बोर्ड (एफआईपीबी) की अनुमति दिलाने के लिए चिदंबरम ने अपने पद का दुरुपयोग किया था, और अपने बेटे कार्ति के जरिए 300 करोड़ से ज्यादा की घूस ली थी. पूछताछ में इंद्राणी बता चुकी है, कि वह एफआईपीबी की मंजूरी के सिलसिले में कार्ति चिदंबरम से मिली थी.
आईएनएक्स मीडिया का क्या है चिदंबरम से लिंक
पूरा मामला आईएनएक्स मीडिया को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से गैर-कानूनी तौर पर मंजूरी दिलवाने से जुड़ा है. इसमें आईएनएक्स ने 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश हासिल किया था. इस केस में गड़बड़ी की आंच कार्ति चिदंबरम के जरिए तत्कालीन वित्तमंत्री पी चिदंबरम तक पहुंची और 15 मई 2017 में सीबीआई ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में अनियमितताओं के चलते पहली एफआईआर दर्ज की. इसके बाद साल 2018 में प्रवर्तन निदेशालय ने भी मनी लांड्रिंग मामले में केस दर्ज किया.