गोवा: एक अज्ञात शख्स का पोस्टमॉर्टम चल रहा था. डॉक्टर अपना काम कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने पाया कि व्यक्ति का दिल एकदम सख्त है. जैसे ही इसके बारे में सीनियर डॉक्टर्स को पता चला, तो उन्होंने भी हैरानी जाहिर की.
दरअसल यह मामला गोवा का है. जहां एक अज्ञात व्यक्ति के शव की ऑटोप्सी के दौरान डॉक्टर्स को पत्थर की तरह सख्त दिल मिला है. आइए जानते हैं कि आखिर इस दुर्लभ मामले के पीछे क्या कारण है.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट बताती है कि गोवा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर्स ने एक ‘पत्थर के दिल’ का पता लगाया है.
रिपोर्ट के अनुसार, दिल की यह दुर्लभ हालत ह्रदय के टिशूज के कैल्सिफिकेशन के कारण हुई है. इस हालत में टिशूज पत्थर की तरह बन जाते हैं.
अखबार से बातचीत के दौरान ऑटोप्सी करने वाले डॉक्टर भरत श्रीकुमार ने बताया, ‘दिल इतना कड़क था, जैसे उसे किसी पत्थर में रखा गया हो. मैंने इस दुर्लभ खोज को अपने सीनियर्स को बताया, तो उन्होंने दिल के इस हिस्से की जीएमसी के पैथोलॉजी विभाग की मदद से हिस्टोपैथोलॉजिकल स्टडी करने की सलाह दी.’
डॉक्टर श्रीकुमार जीएमसी के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग में दूसरे वर्ष के पीजी छात्र हैं. उन्होंने यह ऑटोप्सी जुलाई में की थी. हालांकि, साउथ गोवा के एक पार्क में मिले मृतक की शिनाख्त नहीं हो सकी है. उनके पेपर ‘ए हार्ट सेट इन स्टोन’ को ओडिशा में हाल ही में संपन्न हुई इंडिया एकेडमी ऑफ फॉरेंसिक मेडिकल की राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के 42वें संस्करण में पहला पुरस्कार मिला है.
बीमारी की स्टडी के लिए की गई माइक्रोस्कोपिक जांच को हिस्टोपैथोलॉजी कहते हैं. जांच में पता चला है कि व्यक्ति का दिल कैल्सिफिकेशन के चलते ‘पत्थर में बदल गया’ है. यह ठीक उसी तरह की परेशानी है, जिससे किडनी में पथरी होती है. स्टडी का निष्कर्ष इस बात से उलट था कि टिशू फाइब्रोसिस की वजह से कड़क हुए थे. एंडोमायोकार्डियल फाइब्रोसिस भारत में एक आम मेडिकल परेशानी है.