नई दिल्ली: उत्तराखंड के चमोली में हुए हादसे में लापता रामगढ़ और लोहरदगा के मजदूरों का पता नहीं चल सका है। मजदूरों के स्वजन परेशान हैं। रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के चोकाद व संग्रामपुर गांव निवासी चार मजदूरों के घरों में मंगलवार को एनटीपीसी से संबद्ध ठेकेदार विनोद सिंह का फोन आया। ये मजदूर इसी ठेकेदार के अधीन चमोली में बन रहे पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। मजदूरों की तस्वीर और जरूरी कागजात के साथ उनके परिजनों को चमोली बुलाया गया है।
फोन आने के बाद चारों लापता मजदूरों के परिजन चमोली के लिए रवाना हो गए हैं। चमोली की एनटीपीसी कंपनी के ठेकेदार के फोन आने के बाद परिजनों की बैचेनी व चिंता और भी बढ़ गई है। घटना के दिन शाम से ही गांव में मातम छाया हुआ है। वहीं परिवार के सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है।
रविवार सुबह उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने में गोला प्रखंड के चोकाद के तीन मजदूर बिरसय मुंडा, कुलदीप कुमार महतो व मिथलेश महतो तथा संग्रामपुर के एक मजदूर मदन महतो लापता हो गए हैं। चारों युवक एक साथ छह जनवरी को उत्तराखंड के चमोली में चल रहे एनटीपीसी के निर्माण में काम करने गए थे। चारो वेल्डर का काम करते हैं।
उधर, लोहरदगा जिले के किस्को प्रखंड के बेटहठ पंचायत और बगडू पंचायत के जामून टोली गांव के नौ मजदूरों के लापता होने के बाद इन गांवों में भी मातम पसरा है। अभी तक यहां के मजदूरों के संबंध में परिजनों को कोई सूचना नहीं मिली है।
झारखंड के अबतक 34 लोगों के उत्तराखंड में गायब होने का मामला सामने आया है। इनमें से 31 झारखंड और दो बिहार के छपरा और एक उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के हैं। इन सभी के वहां लापता होने की सूचना स्टेट कंट्रोल रूम को मिली है। इनमें से लातेहार के जागीर बरियातू के दस लोग भी शामिल हैं, जिनके सुरक्षित होने की खबर हैं। इससे इतर रामगढ़ के गोला के चार, लोहरदगा के किस्को के नौ, बोकारो के एक तथा जामताड़ा के मिहिजाम के सात लोगों के गायब होने की बात उनके स्वजन बता रहे हैं।
पेटरवार, बोकारो के मिथिलेश साहू ने कंट्रोल रूम को सूचना दी है कि चमोली के तपोवन स्थित ऋत्विक प्रोजेक्ट में अमित कुमार फोरमैन के रूप में काम करता था जो गायब है। तपोवन में ही फंसे लातेहार के रूपलाल ने फोन कर जानकारी दी कि उसके अलावा नौ लोग वहां फंसे हैं। हालांकि वे सभी सुरक्षित हैं, लेकिन उनके पास पैसे की कमी है।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के मिथिलेश यादव ने जानकारी दी कि उसके मित्र का भाई ओमप्रकाश यादव ग्लेशियर आपदा के बाद से गायब हैं। वह ऋषि गंगा प्रोजेक्ट में काम करते थे। वहीं बिहार के छपरा के जगदीश यादव ने कंट्रोल रूम को बताया कि दो व्यक्ति सुभाष यादव तथा गौतम यादव वहां तपोवन में काम करते थे, जो गायब हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश पर मुस्तैदी से काम कर रहा झारखंड सरकार का कंट्रोल रूम प्राप्त सूचनाओं के आधार पर आगे की कार्रवाई कर रहा है।