एक शख्स ने दो भैंस और दूसरे ने एक भैंस चोरी होने की एफआईआर दर्ज करवाई है. मामले में आजम खान सहित 6 नामजद हैं। वहीं 20 से 30 अज्ञात लोगों के खिलाफ धारा 504, 506, 427, 395, 448 और 492 के तहत केस दर्ज हुआ है।
साल 2014 में खुद आजम खान की भैंसें चोरी हो गई थीं। ये मामला सुर्खियों में भी रहा था। लंबे समय तक मीडिया और राजनीतिक घरानों में चर्चा का केंद्र रहे इस मामले में पुलिस को पांच महीने बाद सफलता मिली थी। यूपी पुलिस ने भैंस चोर को ढूंढ निकाला था। उसे इटावा के बकेवर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
भैंस चोरी करने वाला आरोपी सालिम इख्तियार बरेली गेट सिविल लाइन रामपुर का ही था। उसने बताया था कि उसी ने आजम खान के पशुबाड़े से भैंस चोरी की थी। जिस साल आजम खान की भैंस चोरी हुई थी उस दौरान सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार थी और अखिलेश यादव मुख्यमंत्री हुआ करते थे। लेकिन अब सबकुछ आजम खान के खिलाफ है।
पहले जहां उनकी ही भैंस चोरी हुई और सरकार भी उन्हीं की थी, लेकिन अब उनके खिलाफ ही भैंस चोरी का आरोप लगा है और सत्ता बीजेपी के पास है। और बीजेपी के आने के बाद से उनकी मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं।
इससे पहले बुधवार को आजम खान पर चल रहे 29 मुकदमों में जिला अदालत में अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई। आजम खान के खिलाफ जमीनी विवाद, लोक प्रतिनिधि अधिनियम और कई दूसरे मामलों में जिला अदालत ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की।
आजम खान पेड़ कटवाने के मामले में भी फंसे हैं। सपा सांसद जौहर यूनिवर्सिटी को लीज पर दी गई जमीन से खैर के पेड़ गायब होने के मामले में फंसे हैं। लीज पर ली गई जमीन से पेड़ गायब होने के मामले में एडीएम प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता ने बताया कि ये मामला गाटा संख्या 1252 और 1418 नंबर की जमीन का है। ये जमीन जौहर यूनिवर्सिटी को लीज पर दी गई थी।