रांची: ज्ञापन में कहा गया है कि रिहाना के ब्रांड के निर्माण में कथित तौर पर अभ्रक का प्रयोग होता है और जिन खदानों से अभ्रक निकलता है, वहां बच्चों से मजदूरी कराने संबंधी खबरें सामने आई हैं.
रिहाना ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया था.
झारखंड स्थित बाल अधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) को एक ज्ञापन सौंप कर कहा है कि अंतरराष्ट्रीय पॉप स्टार रिहाना के सौंदर्य प्रसाधन ब्रांड पर प्रतिबंध लगाया जाए. ज्ञापन में कहा गया है कि रिहाना के ब्रांड के निर्माण में कथित तौर पर अभ्रक का प्रयोग होता है और जिन खदानों से अभ्रक निकलता है, वहां बच्चों से मजदूरी कराने संबंधी खबरें सामने आई हैं.
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष प्रियांक कानूंगो ने कहा कि उन्हें ज्ञापन मिला है और वह मामले की छानबीन कर रहे हैं. झारखंड बाल स्वैच्छिक मंच के बैनर तले कार्यकर्ताओं ने ‘फेंटी ब्यूटी’ नामक ब्रांड पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
ज्ञापन के मुताबिक, सौंदर्य प्रसाधन सामग्री में प्रयोग किया जाने वाला अभ्रक झारखंड की खदानों से निकलता है, जहां बच्चों से मजदूरी कराए जाने की खबरें सामने आई हैं. कार्यकर्ताओं ने रिहाना के खिलाफ मामला दर्ज करने और ब्रांड के शोरूम बंद करने की मांग उठाई है.
इस फर्म के डायरेक्टरों में से एक है
बता दें कि बीते दिनों खबर सामने आई थी कि अमेरिकी पॉप स्टार रिहाना ने किसान आंदोलन के समर्थन में ट्वीट करने के लिए करीब ढाई मिलिनयन यूएस डॉलर यानी 18 करोड़ रुपए लिए थे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक रिहाना ने खालिस्तानी लिंक वाली एक पीआर फर्म (PR Firm) से ये पैसे लिए थे. कनाडा के पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संस्थापक एमओ धालीवाल स्काईरॉकेट नाम की इस फर्म के डायरेक्टरों में से एक है.