धनबाद: निजी विद्यालयों में लॉटरी चयन की प्रक्रिया को डीसी उमा शंकर सिंह के निर्देश पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. जिला शिक्षा अधीक्षक ने इस संबंध में 11 फरवरी को सभी निजी विद्यालयों को एक नोटिफिकेशन जारी किया था. जिसके बाद प्रबंधकों की नींद उड़ गई है.
दरअसल, निजी स्कूलों में कमजोर व अभिवंचित वर्ग से 25 फीसदी नामांकन की प्रक्रिया में अनियमितता की शिकायतें सामने आई हैं. इसके बाद उन त्रुटियों के संदर्भ में 13 फरवरी तक उक्त खामियों की रिपोर्ट जिला शिक्षा विभाग ने तलब करने का आदेश दिया था. जांच पूरी होने तक डीसी के निर्देश पर लॉटरी चयन की प्रक्रिया पर रोक रहेगी.
विद्यालय प्रबंधन के पास जमा किए गए दस्तावेजों की गहनता से जांच करने का आदेश है. अगर, स्कूलों में जमा किए गए दस्तावेजों में किसी प्रकार त्रुटी सामने आती है तो वैसे अभिभावकों पर विधिसम्मत कार्रवाई का आदेश जारी हुआ है. जांच के बाद ही लॉटरी चयन प्रक्रिया की अगली तिथि निजी विद्यालय जारी करेंगे ऐसा फरमान जिला प्रशासन ने सुनाया है.
प्रशासन ने संभावना जताई है कि अवांछित तत्व कागजों से गलत तरीके से छेड़ छाड़ कर रहे हैं. जो कि सीधे तौर पर अपराधिक मामला बनता है. निजी विद्यालयों को निर्देश दिया गया है कि कमजोर वर्ग के नामांकन की प्रक्रिया विभागीय अधिसूचना 237-16.02.2016 के अलोक में संपन्न कराई जाए.
निजी विद्यालयों में कमजोर वर्ग के 25 फीसदी बच्चों के नामांकन की प्रक्रिया नि:शुल्क एवं बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत नियमानुसार संपन्न कराने का निर्देश निजी विद्यालयों को है. जिला प्रशासन इसे लेकर सख्त है. लेकिन विभाग को सूचना मिल रही थी कि आवेदनों में कई प्रकार की गड़बड़ियां हैं. धनबाद, जमशेदपुर समेत अन्य जिलों में भी ऐसी शिकायतें प्राप्त होने के बाद प्रशासन एक्शन में है.
निजी स्कूलों में जमा किए गए आवेदन के साथ बीपीएल राशन कार्ड व आय प्रमाण पत्र भी दाखिल किया जा रहा है. आय प्रमाण पत्र में अंकित राशि 72 हजार या उससे अधिक है. एक ही ऑनलाइन प्रमाण पर सात आयु प्रमाण पत्र निर्गत हैं. एक ही अभिभावक के पुत्रों पर पांच से छह माह का ही अंतर है. निर्धारित सीट के विरुद्ध नामांकन नहीं हो रहा है.