रांची: झारखंड में भी गुरुग्राम, चंडीगढ़, नोएडा, फरीदाबाद जैसी जगहों की तरह झारखंड के विभन्न क्षेत्रों का विकास किया जाएगा.इसके लिए सरकार लैंड पूलिंग एक्ट बना रही है.यह एक्ट क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण के माध्यम से काम करेगा. इससे शहरों के विस्तार का रास्ता बन पाएगा. वर्तमान शहरों पर जनसंख्या का भार भी कम होगा. इस कानून के तहत शहर के बाहरी क्षेत्रों में स्थानीय रैयतों से उनकी सहमति के आधार पर जमीन संकलित कर वहां पर आधारभूत संरचना विकसित की जाती है. इसके तहत रोड, सीवरेज ड्रेनेज, इलेक्ट्रिफिकेशन ,कम्यूनिटी सेंटर, पार्क आदि बनाए जाते हैं. रैयतों से ली गई जमीन पर ही यह व्यवस्था होती है. इसका परिणाम यह होता है कि उस क्षेत्र की जमीन बहुमूल्य हो जाती है. आधारभूत संरचना के विकास में सामूहिक रूप से देखें तो रैयतों की बहुत कम ही भूमि ली जाती है. इसके एवज में उन्हें एक विकसित क्षेत्र मिलता है. इन क्षेत्रों में बड़ी-बड़ी संस्थाएं खुल सकती हैं. अगर रैयत जमीन बेचना चाहे तो जमीन की अच्छी कीमत मिलती है. जानकारी के अनुसार सरकार आगामी विधानसभा के बजट सत्र में नगरीय विकास से संबंधित एक संशोधन विधेयक ला सकती है, जिसे “लैंड पूलिंग एक्ट” कहा जाएगा. वैसे यह अध्यादेश के रूप में अडॉप्ट किया गया था. यह फिलहाल राजभवन के पास राज्यपाल की स्वीकृति के लिए गया हुआ है. नगर विकास विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे ने कहा कि आगामी बजट सत्र में इससे जुड़ा संशोधन विधेयक का प्रस्ताव लाया जाएगा. उम्मीद है कि यह सर्वसम्मति से पास हो जाएगा. देश के कई शहरों में लैंड पूलिंग एक्ट के तहत क्षेत्र का विकास किया गया है और उसके अच्छे परिणाम निकले हैं.