कोलकाताः पश्चिम बंगाल में अगले कुछ महीनों में होने वाले विधानसभा चुनाव (Assembly Election) से पहले बीजेपी (BJP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच नारे को लेकर विवाद बढ़ गया है. जय श्री राम के नारे को लेकर राज्ये में चढ़ रही राजनीतिक सरगर्मी के बीच आज तृणमूल कांग्रेस ने अपना नया चुनावी स्लो गन जारी कर दिया है. तृणमूल कांग्रेस के नेताओं का मानना है कि उनका ये स्लोबगन सीधे तौर पर मतदाताओं को टीएमसी की ओर आकर्षित करेगा और पश्चिम बंगाल में एक बार फिर ममता बनर्जी सत्ता में वापसी करेंगी. चुनाव को देखते हुए तृणमूल कांग्रेस ने नया चुनावी स्लोगन, ‘बांग्ला नीजेर मेय के ई चाए’ जारी किया है. इस नारे का मतलब है कि बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है. चुनावी सरगर्मी के बीच सुब्रत बख्शी, पार्थ चटर्जी, डेरेक ओ ब्रायन, शुखेंदु शेखृ रॉय, काकोली घोष दस्तीदार और सुब्रत मुखर्जी ने टीएमसी के इस स्लोगन को जारी किया. टीएमसी के इस स्लोुगन को पूरे राज्यस में लगवाया गया है. बता दें कि ममता का नया स्लोगन बंगाल की बेटी वाले सेंटिमेंट से जुड़ा हुआ है. लंबे समय से बाहरी और भीतरी की राजनीति करते आ रही तृणमूल ने इस स्लोकगन से एक बार फिर चुनाव में नई जान फूंक दी है. टीएमसी इस स्लोीगन के जरिए ये बताने की कोशिश कर रही है कि ममता बंगाल की बेटी हैं और बीजेपी बाहरी शक्ति. पिछले लोकसभा चुनावों में टीएमसी के लिए बड़ी चिंता बन चुकी भाजपा पिछले करीब डेढ़ दो सालों से बंगाल में अपना आधार तैयार करने में जुटी है. एक गणित यह कह रहा है कि टीएमसी के साथ ओवैसी की पार्टी का गठबंधन हुआ, तो भाजपा को फायदा मिल सकता है और कांग्रेस के मुस्लिम वोट कट सकते हैं. दूसरा गणित यह है कि मुस्लिम बहुल इलाकों में ओवैसी की पार्टी भाजपा के लिए खतरा भी बन सकती है.