रांची:- भाजपा प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू ने आज कांग्रेस पार्टी पर कड़ा हमला बोला. श्री साहू आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि किसानों का अपमान,कांग्रेस का फरमान है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आजादी के बाद से ही देश के किसानों का अपमान किया है. कांग्रेस की नीति और नीयत दोनो किसानों के विरुद्ध रही है.
उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस पार्टी की गलत नीतियों का ही दुष्परिणाम है कि देश मे लाखों किसान आत्महत्या को विवश हुए.
साहू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की कल्याणकारी योजनाओं को बंद करने में विश्वास करती है.
कहा कि कांग्रेस आज किसान हित की बात करते हुए ट्रेक्टर रैली का ढोंग कर रही है. रैली में किसान गायब है.केवल भाड़े के ट्रेक्टर और कांग्रेस के नेता दिख रहे.सम्मेलन स्थल की कुर्सियां खाली पड़ी है.भाड़े का ट्रैक्टर बैनर लगाकर चिप्स और पत्थर ढोते रहे.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी की सरकारों ने वर्षों तक स्वामीनाथन कमीशन की अनुशंसा को ठंडे बस्ते में डाल रखा. अपने घोषणा पत्र में कृषि कानून बनाने की घोषणा करने वाली कांग्रेस पार्टी आज कृषि कानून का विरोध कर रही. कहा कि तत्कालीन कृषि मंत्री श्री शरद पवार ने राज्यों को पत्र लिखकर मंडियों के संबंध में जो बात कही थी उसपर कांग्रेस पार्टी क्यों मौन है. श्री साहू ने कहा कि यह केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार है जिसने किसानों के सर्वांगीण विकास की चिंता की.
2014 से ही मोदी सरकार ने गांव,गरीब एवम किसान के विकास की योजनाएं लागू की.
यूरिया को नीम कोटेड बनाकर इसकी काला बाजारी रोकी,स्वामीनाथन कमिटी की अनुशंसा के आलोक में फसलों की लागत से डेढ़ गुणा एमएसपी लागू की,फसल बीमा योजना का विस्तार किया गया,स्वायल हेल्थ कार्ड से मिट्टी की उत्पादन क्षमता का आकलन शुरू हुआ.
उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने केलिये मोदी सरकार संकल्पित है.
किसान सम्मान निधि के माध्यम से किसानों के खाते में प्रति वर्ष 6000रुपये भेजे जा रहे.कोरोना काल मे यह राशि किसानों केलिये संजीवनी बनी.
राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार किसानों की भला नही चाहती. सरकार बनते ही नई योजना तो शुरू की नही उल्टे मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना से मिलने वाली प्रति एकड़ 5हजार की राशि को बंद कर दिया. धान खरीद को गिला धान के नाम पर रोक दिया गया जिसके कारण किसान 1000 …1100 रुपये प्रति क्विंटल बेचने को विवश हुए.
खेती के समय यूरिया खाद की कालाबाजारी होती रही. इस सरकार में यूरिया महंगा खरीद किसान धान को सस्ते में बेचने को मजबूर हुए. साहू ने कहा कि किसानों के दो लाख की ऋण माफी की बात करने वाली सरकार आज किसानों को केवल धोखा ही दे रही है.आज तक एक भी किसान का ऋण माफ नही हुआ है.