हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शनिवार देर रात हार्वर्ड इंडिया कॉन्फ्रेंस को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी कभी ना हिन्दू थे और ना ही हिन्दू है. आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है और समाज की अलग कस्टमरी (रीति-रिवाज)है. उन्होंने कहा कि सदियों से आदिवासी समाज को दबाया जाता रहा है, कभी इंडिजिनंस, कभी ट्राइबल तो कभी अन्य के तहत पहचान होती रही, लेकिन इस बार के जनगणना में आदिवासी समाज के लिए अन्य का भी प्रावधान हटा दिया गया है. जनगणना में आदिवासियों के लिए कोई जगह नहीं है, पांच- छह धर्मों को लेकर यह बताने की कोशिश की गयी है कि उन्हें इन्हीं में से एक को चुनना होगा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि वर्ष 2021को राज्य सरकार ने नियुक्ति वर्ष घोषित किया है, जेपीएससी समेत अन्य के माध्यम से रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की गयी है और इसके लिए नियमावली बना कर मार्ग प्रशस्त किया है. उन्होंने बीजेपी के ऑडियोलॉजी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 89 साल के एक सामाजिक कार्यकर्त्ता फादर स्टेन स्वामी को जेल में बंद रखा गया है, जिस व्यक्ति की यादाश्त चली गयी है, ठीक से बोल नहीं पाता है, उसे देशद्रोह के मामले में जेल में रखा गया है, जेएनयू का हालात क्या है, यह सभी लोग देख रहे है. उनपर भी कुछ छुटभैया नेता इस तरह का आरोप लगाते है, लेकिन वे संघर्ष करने वाले व्यक्ति है, ऐसी कोशिश को अब आदिवासी समाज सफल नहीं होने देगा.
हेमंत सोरेन ने कहा कि दुनिया भर में आदिवासी की पहचान बनी रहे, इसके लिए उन्हें जो भी भूमिका निभाने की जरूरत पड़ेगी, उसके लिए तैयार है. उन्होंने हावर्ड इंडिया कांफ्रेंस को आयोजकों के प्रति भी आभार व्यक्त किया और उनके सुझाव को आमंत्रित किया.