रांची:– स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार फाइलेरिया उन्मूलन हेतु प्रतिबद्ध है. साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ में 22 फरवरी से 27 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इस कार्यक्रम में लोगों को फाइलेरिया रोधी दवाएं प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मुफ्त में खिलाई जाएगी. वे आज स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ़ में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम का वर्चुअल शुभारम्भ कर रहे थे.
गुप्ता ने लोगों से फाइलेरिया रोधी दवाएं, प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों के सामने ही सेवन करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की सफलता लोगों के बीच हमारी विश्वसनीयता एवं हमारे कार्य करने की पद्धति पर आधारित है. रोग को भगाना है, रोगी को बचाना है तथा स्वस्थ एवं समृद्ध झारखण्ड की परिकल्पना को साकार करना है. उन्होंने कहा कि इस बात पर विशेष ध्यान रखा जाये की कोई भी व्यक्ति खाली पेट दवा बिलकुल न खाएं. उन्होंने कहा कि एमडीए कार्यक्रम में 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिला और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को छोड़कर सभी लोगों को उम्र के अनुसार, फाइलेरिया रोधी दवाओं की खुराक प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मियों द्वार खिलाई जाएगी.
स्वास्थ्य मंत्री ने मिशन निदेशक श्री रवि शंकर शुक्ला को निदेशित किया कि चारों जिले के उपायुक्तों के साथ समन्वय बनाकर 22 फरवरी से शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम की गहन समीक्षा करते रहें. जिससे एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाया जा सके और अधिक से अधिक लोग इससे लाभानवित हो सके. इसके साथ ही, उन्होंने निर्देशित किया कि राज्य में फाइलेरिया से संक्रमित समस्त मरीजों को सूचीबद्ध किया जाये ताकि, उनकी स्वास्थ्य की गहन निगरानी की जा सके एवं उनके रोग का उपचार सही तरीके से हो सके, इससे फाइलेरिया रोग के प्रसार को रोकने में भी सफलता मिलेगी.
राज्य कार्यक्रम अधिकारी, वेक्टर बोर्न डिजीजेज, डॉ. एस.एन.झा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस एमडीए कार्यक्रम में, इकहत्तर लाख चार हजार नौ सौ ग्यारह (71,04,911) लोगों को दवाई खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि बचपन में होने वाला यह फाइलेरिया संक्रमण लिम्फैटिक सिस्टम को नुकसान पहुंचाता है इससे व्यक्ति के अंगों में असामान्य सूजन होती है. फाइलेरिया से ग्रसित लोगों को भीषण दर्द और सामाजिक भेदभाव भी सहना पड़ता है, जिससे उनकी आजीविका व काम करने की क्षमता भी प्रभावित होती है . महिलाओं और बच्चों की तुलना में, पुरुषों में इस संक्रमण के होने की सम्भावना दोगुना होती है. इसलिए यह बहुत आवश्यक है कि सभी लोग इस संक्रमण से स्वयं को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए साल में एक बार प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा मुफ्त दी जाने वाली फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन अवश्य करें .
इस वर्चुअल शुभारम्भ में साहिबगंज, बोकारो, धनबाद और रामगढ जिलों के उपायुक्त, विश्व स्वास्थ्य संगठन के (एनटीडी) के राज्य समन्वयक एवं स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्य पदाधिकारियों ने भी भाग लिया.