प्रेम आनंद,
रांचीः झारखंड कैडर के आइएएस अफसरों ने राज्य के नीतिगत निर्णयों में अपनी दक्षता का परिचय तो दे ही दिया है. लेकिन केंद्र में भी अपनी बेहतर दूरदर्शी विजन से कई नीतियों को अंजाम तक पहुंचाया है, जिसकी चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी हो रही है. उनके ही विजन के बदौलत आम जन को कई कल्याणकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है. ऐसे ही झारखंड की ब्यूरोक्रेशी में एक गौरवशाली अध्याय जुड़ गया है. झारखंड कैडर के आइएएस अफसर ब्यूरोक्रेशी के सर्वोच्च पद पर आसीन हो गए हैं. 1982 बैच के आइइएस राजीव गौवा ने इस पद को अपने आत्मविश्वास और विजन के बदौलत हासिल किया है.
धारा 370 हटाने का तैयार किया था मसौदा
गौबा ने केंद्र में गृह सचिव रहते हुए केंद्र द्वारा आर्टिकल 370 को हटाने, जम्मू-कश्मीर के पुनर्निर्माण के फैसले के मसौदे को तैयार करने और इसे सफलतापूर्वक लागू करने में एक अहम भूमिका निभाई थी. अपनी एक छोटी कोर टीम के साथ मिलकर उन्होने इस फैसले के संवैधानिक और कानूनी पहलुओं को अंतिम स्वरूप दिया और इससे जुड़े प्रशासनिक एवं सुरक्षा व्यवस्था का भी ढांचा तैयार किया
उग्रवाद से निपटने की तैयार की थी योजना
गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव रहते हुए उन्होंने 2015 में वामपंथ उग्रवाद से निपटने के लिए एक बहुआयामी योजना तैयार की और इसे लागू करने में सक्रियता दर्शायी जिससे वामपंथ उग्रवाद प्रभवित क्षेत्र काफी हद तक घट गए. उन्हेंइ दिल्लीं में नगर विकास एवं आवास मंत्रालय में सचिव नियुक्तफ किया.उन्होंने रक्षा, पर्यावरण एवं वनभूमि, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालयों में भी अपना योगदान दिया है. अंतराष्टीय मुद्रा कोष में भी भारत का श्री गौबा ने चार वर्षों तक प्रतिनिधित्व किया.
झारखंड़ को विकास के पथ पर ले जाने में रहा अहम योगदान
राजीव गौबा झारखंड में मुख्य सचिव भी रह चुके हैं. उन्होंने यहां लेबर रिफार्म, मंत्रालयों व विभागों का पुनर्गठन, लेटरल इंट्री तथा इज ऑफ डुइंग बिजनेस में किए गए उनके प्रयासों से ही झारखंड पहली बार देश में इज ऑफ डुइंग बिजनेस में तीसरा स्थातन प्राप्तज हुआ था.
झारखंड के कई अफसर निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका
झारखंड कैडर के कई आइएएस अफसर केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. सीएस रैंक के अफसर अमित खरे केंद्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव हैं. जिनके विजन से कई कल्याणकारी योजाएं प्रचार-प्रसार के माध्यम से घर-घर तक पहुंच रही हैं. सीएस रैंक के अफसर राजीव कुमार केंदऱ में वित्त की जिम्मेवारी संभाल रहे हैं. वहीं सीएस रैंक के अफसर एनएन सिन्हा देश में सड़कों जाल बिछाने में लगे हैं. वे एनएचआइ के सर्वेसर्वा है. में प्रधान सचिव रैंक के अफसर निधि खरे गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव के पद पर पदस्थापित हैं.
क्या कहते हैं ऊर्जा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव
ऊर्जा मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव एसकेजी रहाटे कहते हैं कि
झारखंड के ब्यूरोक्रेशी के लिए यह गोल्डन पीरियड है. हर आइएएस की आकांक्षा होती है कि वह ब्यूरोक्रेशी के सर्वोच्च पद कैबिनेट सचिव को पद पर आसीन हो. राजीव गौबा ने अपने आत्मविश्वास और विजन के बदौलत यह स्थान हासिल किया है. यह उनके लिए व्यक्तिगत के साथ झारखंड के लिए भी बड़ी उपलब्धि है.