धनबादः कोयला तस्करी मामले में फरार चल रहे अनूप माजी उर्फ लाला की देश व विदेश में कुल 70 चल-अचल संपत्ति की कुर्की-जब्ती की जानी है. इसकी कीमत करीब 800 से 1000 करोड़ आंकी गई है. सीबीआइ ने लाला के काले साम्राज्य में ट्रांसपोर्टिंग का काम देख रहे रत्नेश वर्मा की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने की सूची भी आसनसोल में सीबीआइ की विशेष अदालत को सौंपी है. सीबीआइ की इस कार्रवाई से न सिर्फ पश्चिम बंगाल बल्कि झारखंड के कोयला तस्कर भी सकते में आ गए हैं. झारखंड के धनबाद जिले में भी लाला की सक्रियता थी. उससे गुर्गे धनबाद और खासकर निरसा क्षेत्र में कोयला तस्करी का काम संभालते थे. सीबीआइ की एक टीम निरसा में कैंप कर काफी जानकारी जुटाई है. लाला का इलाका धनबाद जिले की सीमा से लगे पश्चिम बंगाल का पुरुलिया है. यहीं से उसने पश्चिम बंगाल और झारखंड के कोयले का काला कारोबार चला रखा था.
सीबीआइ सूत्रों के मुताबिक, कोयला तस्करी की काली कमाई से लाला ने विदेश में भी संपत्ति बनाई है. सीबीआइ ने दूसरे देश की सरकारों से ऐसी संपत्तियों का ब्योरा मांगा है. पुरुलिया के भामुरिया गांव में लाला की काफी जमीन और शानदार रिसोर्ट हैं. कोलकाता में होटल, फ्लैट, अपार्टमेंट के साथ-साथ दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, बेंगलुरु में शॉङ्क्षपग मॉल और जमीन भी है. दिसंबर 2020 में लाला व रत्नेश के खिलाफ सीबीआइ की विशेष अदालत ने गैर जमानती वारंट जारी किया था. 11 जनवरी को दोनों को भगोड़ा घोषित कर उनके आवास पर नोटिस चिपकाया गया था. उनको 11 फरवरी तक कोर्ट में हाजिर होने का अल्टीमेटम दिया गया था, वर्ना संपत्ति कुर्क कर दी जाएगी. इसके बाद भी वे हाजिर नहीं हुए. अब सीबीआइ ने कुर्की-जब्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी है.