चाईबासा:- झारखंड राज्य की महिला, बाल-विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा माझी के नेतृत्व एवं सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा, जिला उपायुक्त अरवा राजकमल के उपस्थिति में पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय शहर चाईबासा स्थित पिल्लई हॉल में जल जीवन मिशन अंतर्गत जिला स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला का शुभारंभ मंच पर उपस्थित व्यक्तियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया तथा इस अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता प्रभात कुमार सिंह, कार्यपालक अभियंता संजय शर्मा, चक्रधरपुर कार्यपालक अभियंता प्रभु दयाल मंडल, जिला पंचायती राज पदाधिकारी विपिन कुमार सिंह सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे. कार्यक्रम के दौरान सभी लोगों के द्वारा पानी बचाने एवं उसके विवेकपूर्ण उपयोग तथा पानी की एक-एक बूंद का संचयन, कैच द रेन अभियान को बढ़ावा देने में पूरा सहयोग करने के साथ-साथ पानी को एक अनमोल संपदा मानते हुए पानी व्यर्थ नहीं करने के लिए प्रेरित करने का शपथ लिया गया.
कार्यशाला के दौरान अपने संबोधन में महिला, बाल-विकास विभाग की मंत्री माझी ने कहा कि जल के बिना मनुष्य ही नहीं धरती भी प्यासी रह जाती है तथा आज के कार्यशाला में जल जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परिचर्चा भी किया जा रहा है. उन्होंने कहा की जिले की संरचना भौगोलिक दृष्टि से काफी जटिल है तथा मनोहरपुर, आनंदपुर, गुदरी एवं बंदगांव प्रखंड के अति सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जहां पेयजल की सुविधा का अभाव है वैसे स्थानों को चिन्हित करते हुए जलमीनार या चापाकल के माध्यम से पेयजल की सुविधा बहाल किये जाने की योजना बनाया जाए. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन अंतर्गत वर्ष 2024 तक हर घर को नल के माध्यम से जल उपलब्ध करवाने का लक्ष्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है और हम सभी इसे आपसी सहयोग एवं समन्वय के साथ पूरा करें ताकि जिला अंतर्गत दूषित पानी पीने के कारण रोग ग्रस्त हो रहे लोगों को नई जिंदगी मिल सके.
कार्यशाला के दौरान अपने संबोधन में सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि जल जीवन मिशन का मुख्य उद्देश्य जल को सुरक्षित करने के साथ-साथ आने वाले समय के लिए इसका बचाव करना भी है क्योंकि जल हम सभी के जीवन के लिए आवश्यक है और इसमें किसी प्रकार का कोई भी दो मत नहीं है कि इस जिले में पेयजल आपूर्ति को लेकर बहुत सारे कार्य किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि जलापूर्ति को लेकर जिले में संचालित कार्यों के लिए जिला उपायुक्त बधाई के पात्र हैं और जल के विवेकपूर्ण उपयोग के लिए आमजनों को भी जागरूक करना एक बेहतर कदम है.
कार्यशाला में अपने संबोधन के दौरान जिला उपायुक्त ने कहा कि जल के बिना आदमी जीवित नहीं रह सकता है तथा जल जीवन मिशन के तहत प्रत्येक व्यक्ति को 55 लीटर शुद्ध पानी उपलब्ध करवाना एक मानवाधिकार के रूप में ले सकते हैं. उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन एक महत्वपूर्ण योजना है तथा इसके तहत जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में जहां लोग लाल पानी का सेवन करने को विवश हैं उन सभी घरों में पाइप लाइन के माध्यम से शुद्ध जल पहुंचाना ही जिला प्रशासन की प्राथमिकता है.