पाकिस्तान : फाइनेंशिल ऐक्शन टॉस्क फोर्स की पेरिस में हुई ऑनलाइन बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में रखे जाने का फैसला किया गया है. बैठक के बाद जारी बयान में FATF ने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ एजेंडे को पूरा करने में विफल रहा है. बता दें कि पाकिस्तान की आर्थिक हालात अभी बेहद खराब है और उसे चीन से लेकर दुनिया के कई संस्थाओं से लोन लेना पड़ रहा है.
FATF ने जारी बयान में कहा है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ 37 सूत्रीय एजेंडे को 3 साल में पूरा करने में पूरी तरह असफल रहा है. बयान में यह भी कहा गया है कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित घोषित आतंकवादियों के खिलाफ भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है.
FATF ने कहा कि पाकिस्तान आज तक 27 एक्शन प्लान में से एक पर भी ठोस कार्रवाई नहीं कर पाया है. सभी एक्शन प्लान की समय सीमा खत्म हो चुकी है, ऐसे में FATF पाकिस्तान से आग्रह कर रहा है कि वह जून 2021 के पहले सभी एक्शन प्लान पर कार्रवाई करे. FATF ने कहा कि पाकिस्तान को 1267 और 1373 वैश्विक आतंकियों के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध लगाने की कार्रवाई करनी चाहिए.
पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट में बने रहने का मतलब है कि उसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं से किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी. इसीलिए माना जा रहा है आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान ही हालत और भी ज्यादा बुरी होने वाली है. इससे पहले पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने रिपोर्ट की थी ग्रे लिस्ट में बनाए रखने की विशेष संस्तुति फ्रांस की तरफ से भी की गई थी.