बीएनएन डेस्कः 25 फरवरी 2021 को भारत और पाकिस्तातन दोनों एक और युद्धविराम पर राजी हुए हैं. 18 साल बाद लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर 2003 में हुए युद्धविराम समझौते का पालन करने पर रजामंदी बनी है. पाकिस्ताकन अबकी इस समझौते को कितना मानता है, इस पर हर कोई आशंकित है.हालांकि पिछले दो दिनों से लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर शांति है और दोनों तरफ से एक भी गोली नहीं चली है.
सेना की 15 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने कहा है कि इंडियन आर्मी इस युद्धविराम को सफल बनाने के पूरे प्रयास करेगी.
लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने श्रीनगर स्थित 15 कोर के हेडक्वाेर्टर पर मीडिया से बात की. उन्हों्ने उम्मीाद जताई कि बॉर्डर के उस तरफ भी अच्छेल ऑफिसर्स होंगे जो इससे सफल बनाने के प्रयास करेंगे. भारत और पाकिस्तािन दोनों ही तरफ एक दूसरे को संदेश देने और बात करने के लिए हॉटलाइन पर संपर्क बनाए रखेंगे.
हॉटलाइन घाटी में भी है और साथ ही दिल्ली में भी इस पर संपर्क हो सकेगा. पाकिस्तािन ने साल 2020 में रिकॉर्ड 5,133 बार युद्धविराम तोड़ा है. 28 जनवरी 2021 तक पाक ने 299 बार युद्धविराम का उल्लंसघन कर डाला है. साल 2019 में यह आंकड़ा 3,476 तो साल 2018 में 2,140 था.
पाक की तरफ से अचानक होने वाली गोलीबारी एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर (आईबी) पर रहने वाले लोगों के लिए भी बड़ा खतरा है.
जम्मूी के राजौरी में रहने वाले अमित शर्मा की मानें तो एलओसी के आसपास गांवों में फिलहाल शांति है. यहां के स्थाैनीय निवासी अपने-अपने घरों में रह रहे हैं. सरकार की तरफ से इन नागरिकों की सुरक्षा के लिए बंकरों का निर्माण बड़े पैमाने पर कराया गया लेकिन अभी इनका काम पूरा नहीं हो सका है.
पिछले कुछ दिनों से गोलियों की आवाज नहीं सुनाई दी है और गांव वाले थोड़ी राहत में हैं. इसके बाद भी वह जरा भी लापरवाह नहीं होना चाहते हैं.
अमित की मानें तो गांववाले भी पूरी तरह से हाई अलर्ट पर हैं. उनका कहना है कि पाकिस्ताान पर भरोसा नहीं कर सकते हैं. कब तड़के या फिर देर रात फायरिंग शुरू हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता है.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद से पाक की तरफ से होने वाली गोलीबारी में तेजी से इजाफा हुआ है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से पिछले दिनों बजट सत्र के दौरान संसद में जानकारी दी गई थी कि पाक की तरफ से हुए युद्धविराम उल्लंफघन में सुरक्षाबलों के 46 कर्मी शहीद हो चुके हैं.
पाकिस्ता न की तरफ से भारत कभी भी निश्चिंत होकर नहीं बैठ सकता है. सेना सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि सेना लगातार अलर्ट है और पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है. पाक सीजफायर को मानेगा, इस बात पर यकीन करना मुश्किल है.
सूत्रों की मानें तो इस सीजफायर के लिए पाकिस्तालन आर्मी के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा की तरफ से मंजूरी दी गई थी. इसलिए ही पाकिस्ताटनी आर्मी की मंशा पर शक बढ़ जाता है.
जनरल बाजवा की मंजूरी के बाद एक साझा बयान जारी हुआ और इस पर पाक के डायरेक्ट र जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (डीजीएमओ) मेजर जनरल नौमान जकारिया के साइन थे.
इससे अलग पाकिस्ताून के प्रधानमंत्री इमरान खान पहले ही कह चुके हैं कि जब तक भारत सरकार जम्मू कश्मी(र में आर्टिकल 370 को बहाल कर इसकी स्वाशयत्तात नहीं लौटाती है तब तक कोई वार्ता या ऐसी कोई सकारात्मनक पहल की उम्मीाद नहीं रखनी चाहिए.
इस सीजफायर के लिए विशेषज्ञ पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को भी एक बड़ी वजह बता रहे हैं. विशेषज्ञों की मानें तो पाकिस्ताइन मिलिट्री को यह बात समझ आ गई है कि अगर चीन, भारत के इरादों को डिगा नहीं सका है तो फिर पाकिस्ता्न भी कुछ नहीं कर सकता है.