रांचीः राज्य में आदिवासियों का शोषण हो रहा है. ये सरकार आदिवासी की बात करती है. लेकिन शासन पूरी तरह से आदिवासियों के खिलाफ है. उक्त बातें रांची मेयर आशा लकड़ा ने बुधवार को राज्यपाल द्रोपदी से मुलाकात के बाद कही. उन्होंने पार्षद रोशनी खलखो की गिरफ्तारी को लेकर राज्यपाल द्रोपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपा.
मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि सीएम का काफिला रोकने की कोशिश में पार्षद रोशनी खलखो की कोई भूमिका नहीं है. वो सड़क से जा रही थी, रास्ते में हंगामा होते देख लोगों को समझाने के लिए रुक गई. जबकि रांची पुलिस रोशनी की छह साल की बच्ची और बुढे मां-बाप के साथ दुर्व्यवहार किया. यह कहीं से भी उचित नहीं है ऐसे पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. बता दें कि बीते सप्ताह रोशनी खलखो ने अदालत में सरेंडर कर दिया था. फिलहाल होटवार जेल में बंद है.
गौरतलब है कि बीते चार जनवरी को सीएम का काफिला रोकने की कोशिश मामले में भाजपा नेत्री सह वार्ड 19 की पार्षद रोशनी खलखो को आरोपित बनाई गईं हैं. जिसके बाद बुधवार को मेयर आशा लकड़ा और डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय खुल कर सामने आए हैं. बुधवार को मेयर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल राजभवन पहुंचकर ज्ञापन सौंपा. मेयर ने कहा कि रोशनी खलखो को झूठे केस में फंसाया गया है. रांची पुलिस सत्ता पक्ष के प्रभाव में काम कर रही है.