धनबादःआठ साल की मासूम छात्रा के साथ स्कूल के सिक रूम में हुए दुष्कर्म के मामले में डिनोबिली स्कूल कोराडीह के तत्कालीन उप प्राचार्य फादर पॉल जूलियन एक्का व नर्स ई लोंमगा के विरुद्ध पोक्सो कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अखिलेश कुमार तिवारी की अदालत ने आरोप तय कर दिया है. अदालत ने अभियोजन को गवाह पेश करने का आदेश दिया है. पुलिस ने दोनों के विरूद्ध प्रथम दृष्टया आरोप सही पाते हुए आरोप पत्र दायर किया था. एक आरोपित क्लास टीचर कोनराड चाल्र्स गोम्स को क्लीन चिट दी थी. पीडि़त छात्रा के स्वजन ने कतरास थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी कि उनकी पुत्री के साथ स्कूल के भीतर दुष्कर्म किया गया है. इसमें उप प्राचार्य, क्लास टीचर एवं नर्स को नामजद किया गया था.
मेडिकल जांच में हुई दुष्कर्म की पुष्टि
डीसी के आदेश पर सात सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने छात्रा की मेडिकल जांच की थी. इसमें साफ हुआ कि उसके साथ गलत किया गया है. पुलिस ने पीडि़ता का 164 के तहत बयान भी अदालत में कराया. हालांकि उसने किसी का नाम नहीं लिया, परंतु कहा कि परीक्षा में नंबर काटने की धमकी देकर उसे कुछ बताने से मना किया गया था. आठ अगस्त 2020 को क्लास में छात्रा की तबीयत खराब हुई थी. उसे उलटी हो गई थी. कुछ देर बाद लंच ब्रेक होने को था. लंच ब्रेक के बाद क्लास टीचर ने छात्रा को सिक रूम भेज दिया था. वहां छात्रा को सफेद रंग की छोटी दवा दी गई थी. दवा खाने के बाद छात्रा तनिक अचेत हो गई तो उसके साथ गलत काम किया गया. होश में आने के बाद छात्रा ने इस बाबत नर्स से सवाल किया तो नर्स ने उसे धमकी दी कि ये बातें अपने घरवालों या किसी और को बताने पर परीक्षा में नंबर कट जाएंगे.