लोहरदगा : उपायुक्त दिलीप कुमार टोप्पो की अध्यक्षता में जिला बाल संरक्षण समिति-सह-जिला स्तरीय सलाहकार बोर्ड की बैठक हुई. बैठक में चाईल्डलाईन समन्वयक ने पावर प्रजेंटेशन के द्वारा बताया कि जिला में 24 चाइल्डलाईन ईकाई कार्यरत हैं, जिनमें 03 ईकाई रेलवे विभाग के हैं. 27 नवंबर 2020 को हुई बैठक के बाद से अब तक 82 बच्चों को रेसक्यू किया गया है. लोगों को नुक्कड़ नाटक के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है बच्चों से दोस्ती, ओपन हाउस, स्वच्छ भारत अभियान जैसे कार्यक्रम संचालित हैं. लॉकडाउन के दौरान भी बच्चों को जागरूक किया गया है.
उपायुक्त द्वारा समिति को निर्देश दिया गया कि जो बच्चे रेसक्यू कर लाये जाते हैं तो उनके देखभाल की व्यवस्था करायें. अगर वैसे बच्चे अनाथ हैं तो जिला शिक्षा अधीक्षक उन बच्चों के नामांकन की व्यवस्था समर्थ आवासीय विद्यालय या कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में किये जाने की कार्रवाई करें. हिरही स्थित नवनिर्मित समर्थ आवासीय विद्यालय में पठन-पाठन कार्य विभाग से मार्गदर्शन मांग कर प्रारंभ करायें, ताकि वैसे बच्चों के शिक्षा के साथ-साथ उनके ठहराव का भी इंतजाम हो सके. पुलिस विभाग भी कानूनी कार्रवाई में चाईल्डलाईन संस्थाओं की हरसंभव मदद करे. इससे बच्चों के किसी अनावश्यक गतिविधि में शामिल होने से रोका जा सकेगा. जिले की ओर से एक चिकित्सीय टीम रेस्क्यू किये गये बच्चों के आवश्यक चिकित्सीय जांच के लिए उपलब्ध करायें.
बैठक में श्रम अधीक्षक लोहरदगा को बाल श्रम से संबंधित औचक निरीक्षण अभियान लगातार चलाने का निर्देश दिया गया. साथ ही समिति को बाल विवाह को रोके जाने और चाइल्डलाईन हेल्पलाईन नंबर 1098 का प्रचार-प्रसार किये जाने का आदेश दिया गया.
बैठक में पुलिस उपाधीक्षक परमेश्वर प्रसाद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी प्रीति रानी, जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी पलटू महतो, जिला शिक्षा अधीक्षक अखिलेश चौधरी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी विरेंद्र कुमार, श्रम अधीक्षक धीरेंद्र नाथ महतो, चाईल्डलाईन निदेशक कालीचरण उरांव, संरक्षण पदाधिकारी अनुरंजन कुमार, बाल कल्याण समिति सदस्य बालकृष्णा सिंह, परामर्शदाता परवेज आलम, चाईल्डलाईन समन्वयक पीटर तिग्गा समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे.