रांची:- राज्यसभा सांसद महेश पोद्दार ने पूरे देश में कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के लिए अनिवार्य रूप से कार्यस्थल पर ही आवास एवं अन्य सुविधाओं की व्यवस्था किये जाने की मांग की है.बुधवार को राज्यसभा में शून्यकाल के तहत ये मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि अब ऐसी आधुनिक तकनीक व्यवहार में आ गयी है जिससे कुछ घंटों में ही कहीं भी सुविधाजनक अस्थायी आवास तैयार किये जा सकते हैं और जब चाहें-जहां चाहें उन्हें शिफ्ट किया जा सकता है.
श्री पोद्दार ने कहा कि एक तरफ दिल्ली के बॉर्डर पर धरना दे रहे किसान नेताओं के लिए पक्के मकान बन रहे हैं,बोरवेल बन रहे हैं और पंखे-कूलर लगनेवाले हैं. दूसरी ओर, यह दुखद है कि हमारा ध्यान कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के साईट पर, उनके लिविंग कंडीशंस की ओर नहीं जाता हैद्य कंस्ट्रक्शन वर्कर्स टीन के शेड में अपनी पूरी जिन्दगी साईट टू साईट माइग्रेट करते हुए बिता देते हैं, उनके बच्चों का पूरा बचपन उसी माहौल में बीतता है. न कोई पढ़ाई की सुविधा, न मिनिमम लिविंग स्टैण्डर्ड की सुविधाद्य हो सकता है कि उसके लिए कुछ क़ानून भी होंगे, लेकिन उन कानूनों का पालन नहीं हो रहा है, या शायद क़ानून हैं ही नहीं.
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान हमारे समाज की बहुत सारी कमियां उभरकर सामने आयी थी. उनमें से कंस्ट्रक्शन वर्कर्स के माइग्रेशन का मुद्दा प्रमुख था. यदि उनकी लिविंग कंडीशन अच्छी होती, रहने की व्यवस्था अच्छी होती, तो शायद वो माइग्रेट करने को मजबूर नहीं होते.
आज टेक्नोलॉजी ने ये सुविधा दे रखी है कि पोर्टेबल मकान बनते हैं, सस्ते मकान बनते हैं. श्री पोद्दार ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि जिनके हाथ महलों का निर्माण करते हैं, उनके लिए हम दो-चार साल के लिए ये छोटी-छोटी व्यवस्थायें क्यों नहीं सुनिश्चित कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी की सरकार गरीबों और मजदूरों के लिए संवेदनशील है और इस सरकार से आग्रह होगा कि इस स्थिति में तुरंत सुधार लाया जाय और अविलम्ब कुछ कार्रवाई की जाय.