- ग्रामीणों के संग जमीन पर बैठ मुख्यमंत्री ने साथ साथ किया भोजन – तृप्त हुआ ग्रामीणों का मन
- आपसब को जगाने के लिए गुमराह करने वालों से आगाह करने के लिए जन चौपालजाति धर्म के
- आधार पर योजनाओं में कोई भेद नहीं, सबको कर रहें हैं लाभान्वित
बरहेट/साहेबगंज
मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल को विकास से दूर कर उन्हें गुमराह करने वालों ने आदिवासी जमीन गलत ढंग से खरीदी है. संथालवासियों के बीच यह दुष्प्रचार किया गया कि वर्तमान सरकार आपकी जमीन छीन लेगी. लेकिन सरकार के शासनकाल का पांचवा साल है. क्या किसी की जमीन छीनी गई. नहीं यह सिर्फ दुष्प्रचार है, ताकि संथाल वासियों को विकास से अछूता रखा जा सके. ऐसे लोगों की पहचान करें. यह राष्ट्र विरोधी शक्ति है. ये आपका और आपके क्षेत्र का विकास नहीं चाहते. ये नहीं चाहते कि आपके बच्चों के सपने पूरे हों. इस प्रकार का दुष्प्रचार करने वालों ने ही संथालपरगना के पाकुड़, पाकुडिया व धनबाद, रांची समेत अन्य जगहों पर सीएनटी/ एसपीटी एक्ट जो आदिवासियों की जमीन को सुरक्षित करती है का उल्लंघन कर 500 करोड़ की जमीन अपने नाम कर ली.संथाल को विकास से दूर कर गुमराह करने वालों ने आदिवासी जमीन गलत ढंग से खरीदी है. अब आपको इस मामले में सजग होने की जरूरत है.
सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलों-झानो तथा वीर पहाड़िया जैसे पूर्वजों की पुण्य धरा पर आज आप से सीधे सीधे मिलने का उद्देश्य है.. आपको आपकी चेतना को और आपमें छिपी हुई शक्ति को जगाना, क्योंकि आपकी शक्ति सरकार से भी शक्तिशाली है. अगर आप जग गये तो सरकार की सभी योजनाएं आप तक पहुंचेगी. 70 साल से अधिक हुए आजाद हुए, 14 साल झारखंड अलग होकर भी आदिम जनजाति, जनजाति, दलित, आदिवासी के लिए जो कार्य होना चाहिए था वह नहीं हो सका. विगत 5 वर्षों में सरकार ने इनके उत्थान के लिए कार्य किया है लेकिन अब भी इनके उत्थान के लिए बहुत कुछ करने की जरूरत है. बरहेट विकास की नई ऊंचाइयों को प्राप्त करेगा. जनशक्ति और सरकार की शक्ति मिलकर कार्य करेगी तो संथाल में बदलाव स्वतः परिलक्षित होगा. इस जन चौपाल को हम मिलकर बदलाव का माध्यम बनाएंगे. हमारी सरकार यह नहीं कहती कि उसने विगत 5 वर्षों में संथाल को पूरी तरह बदल दिया. लेकिन 2014 की से पूर्व की स्थिति से वर्तमान की स्थिति में बदलाव नजर आ रहा है. मेरा मानना है कि बदलाव तभी नजर आता है जब एक स्थिर सरकार हो, निर्णय लेने वाली सरकार हो, आदिवासी हित, किसान हित, महिला कल्याण के प्रति संवेदनशील और निर्णय लेने वाली हो. तभी राज्य का हर कोई स्वावलंबी और समृद्ध बन सकेगा. ये बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने साहिबगंज के बरहेट विधानसभा क्षेत्र स्थित मयूरजुटी गांव में आयोजित जन चौपाल में कही.
हम किसानों का कल्याण चाहते हैं और वो आपको कृषि के क्षेत्र में पीछे करने की मंशा रखते हैं
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का मूल उद्देश्य किसानों को कृषि कार्य में संसाधन उपलब्ध कराना है, इसके तहत किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है. लेकिन इस योजना को लेकर भी खासकर आदिवासी क्षेत्र में यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि उक्त पैसा किसानों की जमीन के एवज में दिया जा रहा है. बाद में उक्त जमीन पर सरकार कब्जा कर लेगी. लेकिन ऐसा नहीं है. सरकार किसानों का कल्याण चाहती है और दुष्प्रचार करने वाले किसानों को कृषि कार्य में पीछे रखना चाहते हैं. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से मिलने वाला 6 हजार रुपये व मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद से प्रति एकड़ मिलने वाला 5 हजार रुपये किसानों को कृषि कार्य में मदद पहुंचाने हेतु प्रदान किया जा रहा है. सरकार को आपकी जमीन से कोई लेना-देना नहीं. साथ ही वर्तमान सरकार के रहते आप की जमीन को कोई नहीं छीन सकता.
संथाल परगना को बचाना है तो बिचैलियों को भगाना होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि संथाल परगना को बचाना है तो बिचौलियों को भगाना होगा. बिचैलिया विकास की राह में दीमक की तरह है. कोई भी आपसे सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अगर किसी प्रकार की राशि की मांग करता है तो उसकी जानकारी दे . संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई कर जेल भेजा जायेगा. भ्रष्टाचार मुक्त झारखंड बनाने में अपना सहयोग दें.
संथालपरगना में खुलेगा कौशल विकास केंद्र स्वावलंबी बनेंगे यहां के युवा
मुख्यमंत्री ने जन चौपाल के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि डिग्री के साथ साथ अब हुनर की भी जरूरत है. बदलते समय के साथ पूरी दुनिया में इसकी मांग बढ़ी है. यही वजह है कि वर्तमान सरकार युवाओं को हुनरमंद हुनरमंद बनाने के लिए 700 करोड़ रुपए खर्च कर रही है. संथाल परगना में और भी कौशल विकास केंद्र प्रारंभ किया जाएगा. ताकि यहां के युवा भी जो डिग्रीधारी नहीं हैं उन्हें भी हुनरमंद बनाकर नौकरी रोजगार व स्वरोजगार से आच्छादित किया जा सके.
2022 तक सभी को घर देने का लक्ष्य
शांति देवी ने मुख्यमंत्री से कहा कि उसे प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभ दिलाने की बात कही. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 2022 तक पूरे देश में कोई बेघर ना रहे यह लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किया जा रहा है. झारखंड में भी प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लाभुकों को लगातार मिल रहा है. घर के साथ एलपीजी, बिजली, और शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के प्रति केंद्र व राज्य सरकार गंभीर है. यह सब गरीब, आदिम जनजाति के जीवन में बदलाव लाने के लिए किया जा रहा है. आप सभी को भी आवास अवश्य मिलेगा. इसमें थोड़ा धैर्य की भी जरूरत है.
सखी मंडल के माध्यम से नारी सशक्तिकरण “रेडी टू ईट” सखी मंडलों के हवाले.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 से पूर्व करीब 43 हजार ही सखी मंडल का गठन हो पाया था. विगत 5 वर्षों में वर्तमान सरकार ने दो लाख से अधिक सखी मंडल का गठन कर लिया है. सखी मंडल के माध्यम से महिलाएं रोजगार व स्वरोजगार अपनाकर अपना आर्थिक स्वालंबन सुनिश्चित कर रही हैं. सरकार ने इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए अब सरकारी स्कूलों के यूनिफार्म को सिलने की जिम्मेवारी भी सखी मंडल की बहनों को दिया है. पोषण माह में ही सरकार निर्णय लेने जा रही है कि आंगनबाड़ी केंद्रों में मिलने वाले Ready-to-Eat योजना को सखी मंडल की बहनें संचालित करेंगी. हर प्रखंड में Ready-to-Eat प्लांट स्थापित करने की योजना पर कार्य हो रहा है. ताकि झारखण्ड के नौनिहालों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा सके. हम सभी जानते हैं कि कुपोषण राज्य की बड़ी समस्या है. इसे हमें किसी भी हाल में दूर करना है. अगर ready-to-eat का संचालन सखी मंडल की बहनें करेंगी तो 500 करोड़ रुपए की योजना का लाभ राज्य की महिलाओं को ही मिलेगा.
संथाली भाषा और लिपि को पहचान मिल रही
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार संथाल परगना क्षेत्र के सभी छह जिला दुमका, देवघर, पाकुड़, गोड्डा, जामताड़ा एवं साहिबगंज तथा कोल्हान क्षेत्र के पूर्वी सिंहभूम जिला में संथाल जनजाति समुदाय की बड़ी जनसंख्या को देखते हुए इन जिलों में स्थित सभी सरकारी कार्यालयों/ विद्यालयों के नाम संथाली भाषा की लिपि ओलचिकी में भी लिखे गए है . मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे न केवल संथाली भाषा-भाषी जनता को सुगमता से सूचना ग्राह्य होगी बल्कि, उनमें अपनी भाषा के प्रति गौरव का भी बोध होगा.
इस अवसर पर विधायक अनंत ओझा, पुलिस उपमहानिरीक्षक संथाल परगना राजकुमार लकड़ा, उपायुक्त राजीव रंजन, पुलिस अधीक्षक साहिबगंज व बड़ी संख्या में महिला व पुरुष उपस्थित थे.