भारतीय रेलवे के लिए तत्काल टिकट बुकिंग फायदे का सौदा साबित हो रहा है। दरअसल तत्काल टिकट बुक कराने वाले यात्रियों से रेलवे ने गत चार साल में 25,392 करोड़ रुपए की कमाई की है। तत्काल टिकट बुकिंग सेवा 1997 में चुनिंदा रेलगाड़ियों में शुरू की गई थी। इसका मकसद अचानक यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा देना था। 2004 में तत्काल टिकट बुकिंग सेवा का विस्तार पूरे देश में किया गया।
तत्काल टिकट के तहत द्वितीय श्रेणी में मूल किराए से 10 फीसदी अतिरिक्त वसूला जाता है जबकि बाकी अन्य श्रेणियों में यह राशि मूल किराए की 30 फीसदी है। हालांकि इस शुल्क में भी न्यूनतम और अधिकतम सीमा तय की गई है। प्रीमियम तत्काल सेवा 2014 में शुरू की गई थी और 50 फीसदी तत्काल कोटे की सीटों की बुकिंग इसके तहत डायनेमिक किराया प्रणाली (सीट उपलब्धता के आधार पर कीमत) से होती है।
जो 2017-18 में बढ़कर 6,952 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया। रेलवे के मुताबिक तत्काल योजना अभी 2,677 रेलगाड़ियों में लागू है और कुल 11.57 सीटों में 1.71 लाख सीटों पर बुकिंग तत्काल कोटे के तहत होती है।