जिला समाज कल्याण पदाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक
मेदिनीनगर:- आगामी 01 अप्रैल 2021 से जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को पुनः संचालित करने के उद्देश्य से जिला समाज कल्याण पदाधिकारी, पलामू की अध्यक्षता में आज दिनांक 20 मार्च 2021 को जिला समाज कल्याण कार्यालय में समीक्षा बैठक-सह-प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.
जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने योजनावार कार्य प्रगति की समीक्षा कि. जिसमें प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के अंतर्गत चैनपुर, छतरपुर एवं हुसैनाबाद परियोजना को तीसरी किस्त एवं लंबित करेक्शन क्यू को कम करने का दिशा निर्देश दिया गया. इस दौरान यह पाया गया की ऐडब्लूएमपीआर अंतर्गत छतरपुर एवं चैनपुर द्वारा एमपीआर नहीं भरे जाने पर लक्ष्य पुरा नही हो पाया . समीक्षा के क्रम में उन्होंने पाया कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना अंतर्गत शत प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिए गया है. वहीं मुख्यमंत्री कन्यादान योजना अंतर्गत शेष 63 लाभुको के लक्ष्य के प्राप्ति हेतु सभी महिला पर्यवेक्षिकाओ को निर्देश दिया गया. कुपोषण निवारण केन्द्र में कुपोषित बच्चों के नियमित भर्ती हेतु निर्देश दिया गया एवं वैसे कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर सूची तैयार करने हेतु आदेश दिया गया.
उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के फैलाव के कारण मार्च 2020 से बंद पड़े सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को आगामी 01 अप्रैल 2021 से पुनः खोला जा रहा है. इन केंद्रों को पुनर्जीवित करने से पहले भारत सरकार एवं झारखंड सरकार द्वारा जारी किए गए कोविड-19 के सभी दिशा-निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करते हुए जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित रूप से संचालन सुनिश्चित किया जाना है. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने से पहले कुछ तैयारियां सुनिश्चित करना आवश्यक हैं. इन तैयारियों को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. उन्होंने आगे बताया कि अब तक 7 प्रतिशत सेविकाओं सहायिकाओं ने अपना कोविड-19 का वैक्सीन नहीं लिया है. इस संबंध में उन्होंने बाल विकास परियोजना पदाधिकारियों को अपने – अपने क्षेत्रांतर्गत सभी सेविकाओं एवं सहायिकाओं को कोविड-19 टीकाकरण लगवाने का निर्देश दिया. उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों के सफल संचालन में सामुदायिक संवेदनशीलता अतिआवश्यक है. उन्होंने सभी सेविकाओं एवं सहायिकाओं को बिना मास्क के संबंधित आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में नहीं आने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने सेविकाओं एवं सहायिकाओं को भोजन तैयार करते वक्त भी मास्क का उपयोग करने पर विशेष जोर दिया. वहीं उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति के बिना मास्क के प्रवेश को वर्जित करने का भी निर्देश दिया.
इस बैठक में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, डालटनगंज (शहरी), अर्चना सिन्हा एवं जिला योजना समन्वयक विकास कुमार ने संयुक्त रूप से आंगनबाड़ी केंद्र संचालन हेतु त्रि-चरणीय तैयारियों की विस्तृत जानकारी साझा की. प्रथम चरण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों को खोलने के एक सप्ताह पूर्व आंगनबाड़ी केंद्र एवं परिसर की साफ सफाई तथा केंद्रों में मौजूद सभी बर्तन एवं उपकरणों की साफ-सफाई सेविका- सहायिका द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा. आंगनबाड़ी केंद्र के भीतरी एवं बाहरी हिस्सों को संक्रमण मुक्त करने के लिए केंद्र खुलने के एक सप्ताह पूर्व तथा पुनः केंद्र खुलने से तीन दिन पहले आंगनबाड़ी सेविका सहायिका एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं के द्वारा हाईपोक्लोराईट सॉल्यूशन का छिड़काव किया जाएगा. महिला पर्यवेक्षिकाओं एवं सेविकाओं द्वारा बच्चों के रोस्टर का निर्माण केंद्र खुलने के एक सप्ताह पूर्व किया जाएगा.
द्वितीय चरण में आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के दौरान की जाने वाली तैयारियों की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने बताया कि पाठशाला जाने के पूर्व बच्चे रोस्टर के अनुसार केंद्रों पर आएंगे. रोस्टर निर्धारण हेतु 05-08 बच्चों का छोटा समूह बनाया जाएगा. बच्चों की संख्या केंद्र में उपलब्ध स्थान एवं 06 फीट की दूरी के आधार पर तय किया जाएगा. सभी बच्चे क्रमवार 06 फीट की दूरी रखते हुए केंद्र में प्रवेश करेंगे. बच्चों को पाठ्यक्रम घर पर ही फॉलोअप करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा.
केंद्र में प्रवेश के पहले सहायिका सभी बच्चों के हाथ साबुन से धुलवाने में मदद करेंगी. सेविका, सहायिका दूरी रखते हुए बच्चों को पढ़ाएंगी. शौचालय के प्रयोग के बाद बच्चों को साबुन से हाथ धोना सुनिश्चित कराया जाएगा.
कोविड से बचाव हेतु जानकारी बच्चों को दिया जाएगा. जिसके तहत बच्चों को बार-बार हाथ धोना, कम से कम 20 सेकेंड तक हाथ धोना, हाथ कब-कब अनिवार्य रूप से धोना, भीड़-भाड़ वाली जगहों में नहीं जाना तथा अनावश्यक रूप से बाहर नहीं निकलने की जानकारी दी जाएगी.
तीसरे चरण में आंगनबाड़ी केंद्रों के अनुश्रवण की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि वर्तमान परिस्थिति के मद्देनजर प्रत्येक स्तर पर अनुश्रवण की प्रणाली को सुदृढ़ किया जाना आवश्यक है. इसके लिए उन्होंने बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को अपने संबंधित क्षेत्रांतर्गत सेक्टर में प्रतिमाह कम से कम 15 आंगनबाड़ी केंद्रों का भ्रमण करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा कोरोना से बचाव हेतु आंगनबाड़ी केंद्रों में की जाने वाली आवश्यक गतिविधियों का अनुश्रवण दैनिक स्व अनुश्रवण प्रतिवेदन में किए जाने की जानकारी दी.
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला मुख्यालय से जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती नीता चौहान, परियोजनाओं के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी, जिला योजना समन्वयक, महिला पर्यवेक्षिकाएं व अन्य उपस्थित थे.