नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव की कोरोना की दवा कोरोनिल को लेकर फिर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने दावा किया है कि ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने पतंजलि की कोरोनिल को कोरोना की दवा के रूप में इस्तेमाल करने की मंजूरी नहीं दी है. ये जानकारी आरटीआई के जरिए सामने आई है.
आरटीआई में DCGI ने जवाब दिया है कि कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल के इस्तेमाल के लिए कोई सर्टिफिकेट या मंजूरी नहीं दी गई है. हालांकि, आयुष मंत्रालय से सलाह लेने के बाद WHO सर्टिफिकेशन के तहत, दिव्य फार्मेसी यूनिट (II), हरिद्वार को दिव्य कोरोनिल टैबलेट के लिए सर्टिफिकेट जरूर दिया गया है.
IMA ने एक बयान जारी कर बताया है कि जब सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन से RTI के जरिए सवाल पूछा गया तो वहां से यही जवाब मिला कि कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल को सर्टिफिकेट या मंजूरी नहीं दी गई है. IMA के डॉक्टर जेए जयलाल का कहना है कि कोरोना के इलाज के लिए इस दवा का इस्तेमाल नहीं कर सकते. ये हमारे देश के लिए खतरनाक हो सकता है. RTI से जवाब मिलने के बाद IMA ने मांग की है कि कोरोना के इलाज के लिए उपयुक्त प्रोटोकॉल का पालन किया जाना चाहिए.
इसके बाद पतंजलि की तरफ से बयान जारी किया गया है. इसमें पतंजलि ने कुछ फैक्ट बताए हैं. उसका कहना है कि 12 मार्च को CDSCO ने लेटर जारी किया था, जिसमें साफ लिखा था कि आयुष मंत्रालय से सलाह-मशविरा करने के बाद WHO सर्टिफिकेशन स्कीम के तहत दिव्य कोरोनिल टैबलेट को सर्टिफिकेट जारी किया गया था. इसी लेटर में CDSCO ने IMA को स्टेट लाइसेंसिंग अथॉरिटी से संपर्क करने का निर्देश भी दिया था. SLA ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 और नियम 1945 के तहत देश में आयुर्वेदिक दवाओं की मैनुफैक्चरिंग और बिक्री के लिए लाइसेंस देता है. लेकिन इसके बाद भी IMA ने 19 मार्च को कहा कि कोरोना के इलाज के लिए कोरोनिल के इस्तेमाल को मंजूरी नहीं मिली है.